हमारे यहाँ अवसाद और व्यग्रता यानी कि Depression और Anxiety आज सबसे आम मानसिक विकार हैं | दोनों ही बीमारियाँ बहुत तेज़ी से फ़ैल भी रही हैं | ताजा आँकड़े भी इस बात को पुख्ता करते हैं | पर बिगड़ती मनोदशा से जुड़ीं ऐसी स्थितियां सिर्फ आकंड़ों तक नहीं समेटी जा सकतीं | हर उम्र , हर तबके के लोगों के मन की बढ़ती बेचैनी बताती है कि सिमटते रिश्तों और सामाजिकता के इस दौर में इन व्याधियों का विस्तार पाना आसान हो गया है |
- डॉ. मोनिका शर्मा
- पढ़ने लिखने में रुचि रखती हूँ । कई समसामयिक मुद्दे मन को उद्वेलित करते हैं । "परिसंवाद" मेरे इन्हीं विचारों और दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है जो देश-परिवेश और समाज-दुनिया में हो रही घटनाओं और परिस्थितियों से उपजते हैं । अर्थशास्त्र और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर | हिन्दी समाचार पत्रों में प्रकाशित सामाजिक विज्ञापनों से जुड़े विषय पर शोधकार्य। प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ( समाचार वाचक, एंकर) के साथ ही अध्यापन के क्षेत्र से भी जुड़ाव रहा | प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के परिशिष्टों एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लेख एवं कविताएं प्रकाशित | सम्प्रति --- समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के लिए स्वतंत्र लेखन । प्रकाशित पुस्तकें------- 'देहरी के अक्षांश पर', 'दरवाज़ा खोलो बाबा', 'खुले किवाड़ी बालमन की'
5 comments:
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 16.01.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3582 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति मंच की गरिमा बढ़ाएगी ।
धन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
उपयोगी। बधाई हो आपको।
बहुत आभार
जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (17-01-2020) को " सूर्य भी शीत उगलता है"(चर्चा अंक - 3583) पर भी होगी
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता 'अनु '
सादर
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