जनसत्ता में प्रकाशित |
दरअसल, पंजाब ही नहीं अन्य राज्यों से भी ऐसे हजारों अनिवासी भारतीय परिवार हैं, जो दूसरे देशों में जाकर बस गए हैं | विशेषकर कनाडा,अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे दशों में अनिवासी भारतीय बड़ी संख्या में बसे हुए हैं | इनमें से कई परिवार आज भी अपने बेटों की शादी करने के लिए दुल्हन तलाशने भारत आते हैं | ऐसे वैवाहिक रिश्तों का सबसे दुखद पक्ष यह है कि जीवन भर के लिए जुड़ने वाले इस रिश्ते को लेकर कई भावी दूल्हों और उनके परिवार की मंशा शुरुआत से ही गलत होती है | नतीजतन ऐसे अनगिनत मामले सामने आ चुके हैं जिनमें विदेशों में जा बसे लड़के भारतीय लड़कियों से शादी तो करते हैं लेकिन शादी के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को लेकर अक्सर गंभीर नहीं होते। इस जुड़ाव को निभाने की नहीं बल्कि अपने फायदे के लिए भुनाने की सोच रखते हैं | शादी के सालों बाद तक दुल्हन यहाँ इतजार करती रहती है लेकिन वे उनकी खोज-खबर तक नहीं लेते | ( लेख का अंश )
10 comments:
सहमत हूँ आपकी बात से ... इतने वर्षों से विदेश में हूँ और कई कई बार ऐसा देखने को मिलता है ...
परिवारों को भी सचेत रहने की जरूरत है ... विदेश का खिचाव कई बार ठीक नहीं होता ...
आज सलिल वर्मा जी ले कर आयें हैं ब्लॉग बुलेटिन की २३५० वीं बुलेटिन ... तो पढ़ना न भूलें ...
तेरा, तेरह, अंधविश्वास और ब्लॉग-बुलेटिन " , में आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
सटीक प्रेरणा लेने योग्य।
सुन्दर और जरूरी लेख।
आभार आप सभी का
विचारणीय आलेख।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (15-03-2019) को दोहे "होता है अनुमान" (चर्चा अंक-3275) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत जरूरी मुद्दा उठाया है आपने मोनिका जी , एक परिचित की बेटी धोखे का शिकार हो चुकी है ...माता -पिता को इस मामले में पूरी तहकीकात करके ही आगे बढ़ना चाहिए
अत्यन्त संवेदनशील विषय है, समाज को जागरूक होना आवश्यक है।सरकार ने भी संज्ञान लेकर कानून बनाया है।
बेहतरीन
बहुत खूब!
HindiPanda
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