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सामना में प्रकाशित |
इस वर्ष कई मायनों में विशेष रही गणतंत्र दिवस की परेड, महिलाओं की कदमताल के लिए भी खास रही | नौसेना, भारतीय सेना सेवा कोर और सिग्नल्स कोर की एक यूनिट के दस्तों की अगुवाई इस वर्ष महिला अधिकारियों द्वारा की गई | इतना ही नहीं डेयरडेविल्स टीम के पुरुष साथियों के साथ सिगनल्स कोर की एक सदस्या ने बाइक पर हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए सलामी दी, और पहली बार एक महिला अधिकारी द्वारा भारत सेना सेवा कोर के दस्ते का नेतृत्व किया गया | सशस्त्र सेना में तीसरी पीढ़ी की एक अधिकारी ने ट्रांसपोर्टेबल सैटेलाइट टर्मिंनल के दस्ते का नेतृत्व किया जो कहीं ना कहीं महिलाओं का मनोबल बढ़ाने और समानता का सन्देश देने वाला है |असम राइफल्स के महिला दस्ते का पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होना भी इतिहास रचने जैसा रहा | असम राइफल्स की इस सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व एक ऐसी अधिकारी ने किया जो एक बेटी की माँ हैं | इस बार सेना की तीनों ही इकाइयों ने महिलाओं का खुले मन से स्वागत किया | नतीजतन इस साल महिलाओं की भागीदारी ने विस्तार ही पाया है | यह कदम भी बदलाव और हर क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी की बानगी है | ऐसे में इस वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ, शौर्य और शक्ति प्रदर्शन के साथ ही लैंगिक समानता लाने की ओर उठते कई कदमों का भी साक्षी बना | यह देशवासियों का गौरव और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का मान बढ़ाने वाली बात है |
यह कटु है कि देश में संविधान ने तो महिलाओं और पुरुषों को समान नागरिक हक तो दिए हैं पर इन अधिकारों को जीने और अपना स्वतंत्र अस्तित्व गढ़ने के लिए आधी आबादी को कई मोर्चों पर भी संघर्ष करना पड़ा है | सुखद है कि हमारे देश की महिलाओं ने पूरे मनोयोग से हर स्तर पर यह लड़ाई लड़ी और गणतंत्र को सशक्त बनाने में अपनी प्रभावी भूमिका निभाई | तभी तो संघर्ष की लम्बी राह पर चलते हुए हासिल की गई कई गर्व करने वाली उपलब्धियां उनके हिस्से हैं | ऐसे में महिलाओं की इन उपलब्धियों और शौर्य के शानदार प्रदर्शन लिए यह गणतंत्र दिवस स्त्री सशक्तीकरण का यादगार अवसर बन गया | जो कि आधी आबादी के लिए बेहतरी के भावी बदलावों की आशाएं हमारी झोली में डालने वाला है | लेख का अंश )
6 comments:
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (04-02-2019) को चलते रहो (चर्चा अंक-3237) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 03/02/2019 की बुलेटिन, " मजबूत रिश्ते और कड़क चाय - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
Very nice article. I like your writing style. I am also a blogger. I always admire you. You are my idol. I have a post of my blog can you check this : Chennai super kings team
महिलायें हमेशा से हमार्रे समाज में निर्णायक भूमिका निभाती रही हैं ... चाहे इतिहास ने उन्हें पूर्ण अधिकार नहीं दिया ... पर अब समय बदल रहा है ... और इतिहास भी वो स्वयं बुन पाएंगी ....
बहुत बढिया!!शब्दों के साथ अपनी भावनाओ को बाँधना..और व्यक्त करना
बहुत खूब ..
अद्भुत लेख!
Hindi Panda
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