हाल ही में कर्नाटक के हावेरी जिले के एक कॉलेज में छात्रों को नकल करने से रोकने के लिए उनके सिर पर कार्डबोर्ड बॉक्स यानी कि गत्ते पहना दिए गए। चौंका देने वाले इस अव्यावहारिक और अमानवीय व्यवहार वाले मामले में विद्यार्थियों के सिर पर गत्ता पहनाकर प्रशासन ने नकल पर लगाम लगाने के लिए यह अजीबो-गरीब तरीका निकाल लिया | इस अनोखे और हैरान-परेशान करने वाले नियम के तहत मुंह की तरफ गत्ते में वर्गाकार छेद किया गया ताकि परीक्षार्थी सवाल देख सकें और जवाब लिख सकें। परीक्षा कक्ष की सोशल मीडिया में दिख रही तस्वीर सभी को हैरान कर रही है | हंसी-मजाक का विषय बन गई है | लेकिन यह तस्वीर सिर्फ हँसने-मुस्कुराने का मामला भर नहीं है | यह हमारी शिक्षा व्यवस्था की भी अजब-गज़ब स्थिति और अव्यवस्था को सामने रखती है | जिसमें परीक्षा के दौरान स्टूडेंट्स को गत्ते के बॉक्स सिर पर पहनने के लिए बाकायदा बाध्य किया गया | अब सरकार ने कॉलेज प्रशासन को नोटिस जारी कर इस पर स्पष्टीकरण मांगा है कि आखिर छात्रों को गत्ते के बॉक्स सिर पर पहनने के लिए क्यों मजबूर किया गया ? कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने भी नकल रोकने के लिए ऐसी व्यवस्था को निंदनीय और किसी भी रूप में अस्वीकार्य बताया है |
नकल पर लगाम के लिए बच्चों के साथ किया गया यह व्यवहार अनुचित और अव्यावहारिक है | परीक्षा के दौरान छात्रों को सबसे ज्यादा सहूलियत और सहजता की दरकार होती है | ऐसे में नक़ल पर शिकंजा कसने के लिए निकाला गया यह अजीबो-गरीज़ रास्ता वाकई अफसोसनाक है | आम लोग भी कॉलेज प्रशासन के इस तरीके से हैरान-परेशान हैं | इसकी आलोचना कर कर रहे हैं | क्योंकि नकल रोकने के नाम पर परीक्षा केन्द्रों में बच्चों के साथ किया गया यह बर्ताव बच्चों और अभिभावकों का मनोबल तोड़ने वाला है | ऐसे गत्ते के बॉक्स पहना देना, परीक्षा केंद्र में विद्यार्थियों को असहज करने वाला है | साथ ही अहम् बात यह कि यह ऐसा कोई सार्थक रास्ता भी नहीं जो नकल पर लगाम लगा सके | (दैनिक हरिभूमि में प्रकाशित लेख का अंश )
2 comments:
चिंतनीय एवं प्रेरक प्रस्तुति
शिक्षा व्यवस्था का चिंतनीय पहलू है नकल
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