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पढ़ने लिखने में रुचि रखती हूँ । कई समसामयिक मुद्दे मन को उद्वेलित करते हैं । "परिसंवाद" मेरे इन्हीं विचारों और दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है जो देश-परिवेश और समाज-दुनिया में हो रही घटनाओं और परिस्थितियों से उपजते हैं । अर्थशास्त्र और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर | हिन्दी समाचार पत्रों में प्रकाशित सामाजिक विज्ञापनों से जुड़े विषय पर शोधकार्य। प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ( समाचार वाचक, एंकर) के साथ ही अध्यापन के क्षेत्र से भी जुड़ाव रहा | प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के परिशिष्टों एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लेख एवं कविताएं प्रकाशित | सम्प्रति --- समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के लिए स्वतंत्र लेखन । प्रकाशित पुस्तकें------- 'देहरी के अक्षांश पर', 'दरवाज़ा खोलो बाबा', 'खुले किवाड़ी बालमन की'

ब्लॉगर साथी

20 January 2012

ब्लॉग्गिंग से दूरी के मायने ...!

आज महीने भर बाद अपने ब्लॉग पर आना हुआ है । अपने देश, अपने घर जाकर वापस लौटी हूँ । इस बीच ब्लॉग्गिंग से पूरी तरह दूरी बने रहने के चलते एक ओर जहाँ कुछ खालीपन का लगा वहीँ अपनों का  साथ पाकर मन नयी ऊर्जा से भर गया । हाँ, इस दौरान यह ज़रूर समझ आया की ब्लॉग्गिंग से दूरी के मायने क्या हैं ? क्या है , जो दुनिया के कोने कोने में बैठे लोगों को आपस में जोड़े रखता है ? 


अभिव्यक्ति को नये आयाम देने वाली ब्लोग्गिंग की विधा सच में हमें बहुत कुछ दे रही है ।  ब्लॉग्गिंग से दूर रहकर यह बात अच्छी तरह समझ आ जाती है। सूचनाओं और साहित्य का यह संसार हमारे मन के वैचारिक दृष्टिकोण को प्रवाहमयी बनाये रखता है । अनगिनत जानकारियां मिलती हैं । इससे न केवल हमारे ज्ञान का दायरा बढ़ता है बल्कि ब्लॉगर साथियों के विचारों को ससम्मान स्वीकार करने का भाव पनपता है । मन-मस्तिष्क में उमड़ने वाले विचारों को विस्तृत दृष्टिकोण मिलता है । 


यहाँ तकनीक को समझने- समझाने की बात भी है और अपनी भाषा को समृद्ध करने का प्रयास भी । ब्लॉग्गिंग एक ऐसा मंच है जहाँ कोई अपने गाँव से जुड़ी बातें साझा कर रहा है तो कोई अंतर्राष्ट्रीय ख़बरों का विश्लेषण । सूचनाओं का पिटारा है ब्लॉग्गिंग । जिसके भी ब्लॉग पर जाएँ कुछ जानने सीखने को ज़रूर मिलता है । 


इन दिनों जब भी अख़बार उठाया तो लगा मानो कुछ कमी है । यूँ भी अख़बार के चंद पन्नों में हर किसी को  हर रोज़ उसकी पसंद की सामग्री मिल जाये यह संभव नहीं । ब्लॉग्गिंग की सबसे बड़ी विशेषता यही है की यहाँ सभी को अपनी रूचि के अनुसार पढने लिखने को मिल जाता है । रसोईघर से लेकर राजनीतिक गलियारों तक । आपको जिस विषय में पढ़ना-जानना है कुछ न कुछ ज़रूर मिल जाता है । साथ ही संवाद  भी बना रहता है । आप अपने विचार रखकर अपना दृष्टिकोण भी आसानी से व्यक्त कर सकते हैं । एक और बात जो ब्लॉग्गिंग को विशेष बनाती  है वो यह की आज भी इसमें व्यावसायिकता और औपचरिकता ने सेंध नहीं लगाई है । मन जो कहना चाह रहा है, कहा जा रहा है । 


चाहे बात स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां देने की हो या वैज्ञानिक जागरूकता लाने की  , हर तरह ब्लोग्स आज पढ़े और लिखे जा रहे हैं । सामजिक मूल्यों और राजनीतिक उठापठक का विश्लेषण भी खूब किया जा रहा है । मुझे खुद कई बार लगता है की ब्लॉग्गिंग के ज़रिये  कई सारी जानकारियां मिल जाती हैं और काम भी आती हैं । 


समसामयिक विचारों के साथ ही कई बार ब्लोग्स पर जाने माने साहित्यकारों की रचनाएँ भी पढ़ने को मिल जाती हैं । जिन्हें ब्लॉगर साथी अपने ब्लोग्ग्स पर साझा करते रहते हैं । ब्लॉग्गिंग में हमारी हिंदी भाषा भी  समृद्ध बन रही है । यहाँ गद्य भी निखर रहा है और पद्य भी । संचार जगत की इस नयी विधा ने हम सबको अभिव्यक्ति का एक ऐसा मंच  दिया है जो लोकल भी है और ग्लोबल भी। यक़ीनन ब्लॉग्गिंग को व्यक्तिगत रूप से कोई जितना देता है उसका हिस्सा बनकर उससे कहीं अधिक पाता है ।

81 comments:

Anupama Tripathi said...

मोनिका जी ....स्वागत है आपका ...कई दिनों से ब्लोगिंग में आपको मिस कर रहे थे ...आपका अपना दृष्टिकोण ....सकारात्मक भाव से लिखे गए आपके लेख और टिप्पणी दोनों ही मिस कर रहे थे .... ... ..सार्थक आलेख से पुनः शुरुआत की है आपने ...

Madhuresh said...

Bahut hi achcha aalekh...sach, blogging ne ek khaas kona bana liya hai zindagi ke ghar mein...!

Smart Indian said...

वापसी का स्वागत है। भारत जाकर तो ऊर्जा और उत्साह का स्तर एकदम टॉप लेवल पर आ जाता है।

Arvind Mishra said...

हम भी काफी दिनों के बाद आज ही आये हैं ..और अपनी पोस्ट लिखते वक्त आपकी यानी अपनी एक नियमित पाठक की भी याद आयी .....स्वागत है !

संध्या शर्मा said...

अभिव्यक्ति को नये आयाम देने वाली ब्लोग्गिंग की विधा सच में हमें बहुत कुछ दे रही है ।

स्वागत है मोनिका जी आपका... सच है अपनों का साथ हमें नयी ऊर्जा से भर देता है, इतने दिनों के बाद आपकी पोस्ट देखकर ऐसा ही लगा.... :)
सार्थक आलेख

प्रवीण पाण्डेय said...

कुछ तो है, ब्लॉगिंग से अधिक समय तक दूर रहना संभव नहीं हो पाता है।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

वापसी पर स्वागत .......

Kunwar Kusumesh said...

बिलकुल सही कहा आपने,मोनिका जी.

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

बहुत सटीक बात कही आपने मोनिका जी ! लेखन मन को बहलाने का एक सर्वोत्तम साधन है ! मगर कभी-कभी ब्लॉग से थोड़ी बहुत दूरी भी अच्छी है ! सब चीजे साथ-साथ चले तो उत्तम ही हैm यह भी नहीं की अपने लिखने के हुनर को पूर्ण तिलांजली दे दो और यह भी नहीं कि सब कुछ छोड़-छड ब्लॉग से ही चिपके रहो !

केवल राम said...

निश्चित रूप से बहुत कुछ प्रासंगिक है आपके इस आलेख में ....थोडा सा टंकण की तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है ....जैसे ....ब्लॉगिंग , ब्लॉगस ,...सफल और सार्थक लेखन के लिए आपको हार्दिक शुभकामनाएं

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

@यक़ीनन ब्लॉग्गिंग को व्यक्तिगत रूप से कोई जितना देता है उसका हिस्सा बनकर उससे कहीं अधिक पाता है ।

आपसे सहमत

Rakesh Kumar said...

आप बहुत सही कह रही हैं मोनिका जी.
अपने भारत निवास के संस्मरणों के बारे में
भी कुछ लिखियेगा.एक दूसरे के अनुभव, भाव-विचारों को जानकर अच्छा लगता है.

समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
आपके दर्शन और सुवचनों से मुझ में उत्साह का
संचार होता है.

Amrita Tanmay said...

ब्लोगिंग के विविध रंग का आनंद ही कुछ और है..

Satish Saxena said...

सहमत हूँ आपसे ....
शुभकामनायें !

Suman said...

बिलकुल सही कह रही हो आप सहमत हूँ !
अच्छी लगी पोस्ट आभार !

kshama said...

Welcome back! Bahut badhiya aalekh!

Sumit Pratap Singh said...

बात पते की है...

रश्मि प्रभा... said...

स्वागत है ....... हर एक की रूचि का स्वाद यानि हर ब्लॉग मायने रखता है , ऐसा कहकर हर ब्लौगर को सम्मान दिया .

सदा said...

ब्लॉग्गिंग को व्यक्तिगत रूप से कोई जितना देता है उसका हिस्सा बनकर उससे कहीं अधिक पाता है ।
बिल्‍कुल सही कहा है आपने .. सार्थक प्रस्‍तुति के साथ आपकी वापसी का स्‍वागत है ... शुभकामनाएं ।

Yashwant R. B. Mathur said...

Welcome Back :)

ब्लोगिंग सच मे अब एक नशा सा होती जा रही है।

सादर

ashish said...

स्वागत है आपका.

Unknown said...

ब्लॉग्गिंग सही मायने में एक संपूर्ण संसार है जिसमे सभी विस्वा बन्धुत्वा की भावना के एक दुसरे को सराहते है और सम्मान करते है. ये इस भौतिकतावादी समाज को लोप होती सामाजिकता का पाठ पड़ा रही है.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

ब्लोग्स पर अपनी रूचि के अनुरूप हर तरह की सामग्री मिलती है पढ़ने को ..वापसी पर ब्लॉग जगत में स्वागत है .. सटीक लेख

Unknown said...

सार्थक आलेख

सुज्ञ said...

सर्वप्रथम तो ब्लॉगिंग के प्रति सकारात्मक उर्ज़ा से ओतप्रोत होकर छुट्टियों से आपकी पुनः वापसी पर स्वागत!!
आपकी बात से पूरी तरह सहमत!!

वास्तविक दुनिया में जब सभी समझदार इक्कठे होते है तो हर कोई बोलना चाहता है और दूसरे को बोलने नहीं देना चाहता। :) पर ब्लॉगिंग की इस विधा में ब्लॉगर खुलकर अपनी बात रख सकता है प्रतिक्रिया ले सकता है, समाधान कर सकता है बिना किसी अवरोध के!!

मनोविचारों से तनावमुक्ति का तो यह सर्वश्रेष्ठ साधन है।

रेखा said...

स्वागत है आपका ...हमलोग इंतजार ही कर रहे थे .
सही है ...ब्लोगिंग के माध्यम से हमें बहुत कुछ जानने और समझने को मिल जाती है .

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

मोनिका जी,बहुत दिनों से दूरी रहने के बाद आज आपको देख कर हार्दिक खुशी हुई,आपके इस सार्थक आलेख के साथ आपका स्वागत है,....

बहुत अच्छी प्रस्तुति,
new post...वाह रे मंहगाई...

अशोक सलूजा said...

आप की वापसी का स्वागत है और आप के विचारों से पूर्ण सहमति ...
शुभकामनाएँ!

संजय भास्‍कर said...

मोनिका जी
आपका स्वागत है ब्लॉगिंग से ज्यादा समय तक दूर रहना संभव नहीं है।....आप से सहमत हूँ

Maheshwari kaneri said...

बिलकुल सही कहा आपने,मोनिका जी.मुझे भी ऐसा ही लगता है..हम सब आप को मिस कर रहे थे..

Anonymous said...

ब्लॉग्गिंग की सबसे बड़ी विशेषता यही है की यहाँ सभी को अपनी रूचि के अनुसार पढने लिखने को मिल जाता है ।

आपकी कमी महसूस हुई स्वागत है वापिसी में......बिलकुल सहमत हूँ आपसे.........कुछ दिन दूर रहो तो ब्लॉग की बहुत याद आती है........गूगल का बहुत आभार है हिंदी ब्लॉगस की शुरुआत करने के लिए........और एक विशेषता और है ब्लॉगस की जो शायद आपसे छुट गयी है इस पोस्ट में........इस ब्लॉगजगत में अपने जैसी सोच रखने वाले और आपको समझने वाले लोग मिल जाते है ये बहुत बड़ी उपलब्धि है |

दर्शन कौर धनोय said...

sach apno ke bhich rahkar sab bhul jata hei insaan ..or blogig to apnepan ka aek naya sansar hei ...aapka swagat hei ..

Arun sathi said...

jitna leta he usse adhik deta he...ek daam sahi....yahi he pyaar..

डॉ टी एस दराल said...

ब्लोगिंग आदत ही ऐसी है कि न छोड़ी जाए । फिर भी कई लोग इससे दूर हो गए हैं ।
बेशक एक अच्छा माध्यम है संपर्क और सजगता का ।
वापसी पर स्वागत है ।

induravisinghj said...

सच कहा आपने।

Anju (Anu) Chaudhary said...

अब ये ब्लोगर जगत ...अपने परिवार सा लगता है

बहुत सार्थक लेख लिखा है आपने मोनिका जी


धीरे धीरे रख मना ...यहाँ पैर पसार
ये जग अपना हैं ...ना किसी से बैर |..अनु

G.N.SHAW said...

मोनिका जी - ब्लॉग्गिंग से दुरी हमेश खलती है ! अब देखिये न मुझे काफी व्यस्त रहते हुए भी , ब्लॉग्गिंग के लिए समय निकालने पड़ते है ! टिपण्णी पढ़ना और टिपण्णी देना - एक गजब का अपनत्व पैदा कर देते है ! मुझे एक सूचना चाहिए शायद आप दे सकती है- सोमनाथ मंदिर जाने के लिए कौन सा जगह उपयुक्त होगा ? अहमदाबाद या राजकोट या द्वारका ! जबाब मेरे इ- मेल या मेरे पोस्ट के टिपण्णी कोस्ट में दे सकती है ! बधाई ! (दुसरे ब्लोग्गर बंधू भी जानकारी दे सकते है !)

दिगम्बर नासवा said...

Sahmat hun aapki bat se ... bloging se bahut kuch milta hai ... naye naye rachnakaaron aur nayi soch se roobroo karaati hai bloging ...

दिगम्बर नासवा said...

Welcome back ...

Pallavi saxena said...

मोनिका जी स्वागत है आपका बहुत दिनों बाद आज आपकी कोई पोस्ट देखी बहुत अच्छा लगा ब्लोगिंग को लेकर आपने जो कुछ भी लिखा उसे सभी सहमत हैं। ब्लॉगिंग अब केवल शौक ही नहीं आदत भी बन गई है जिसके बिना दिन पूरा ही नहीं होता :-)
खैर अब जब आप वापस आही गई है, आप तो मेरी पोस्ट पर भी आपका स्वागत है समय मिले कभी तो ज़रूर आयेगा मेरी पोस्ट पर...आलेख लिखते-लिखते अब अभिव्यक्ति या यूं कहें की कुछ-कुछ कविता का चस्का भी लगा गया है मुझको... :) तो मेरे दोनों ही ब्लॉग पहला(मेरे अनुभव)और दूजा(आपकी पसंद)दोनों पर ही आपके आगमन की प्रतीक्षा रहेगी आयेगा ज़रूर...

अजय कुमार झा said...

हाय ! ब्लॉग विरह की वेदना से वापिस आने के लिए वैलकम बैक जी । डा. साहिबा , सिर्फ़ आपने ही ब्लॉगिंग को मिस नहीं किया बल्कि जैसा कि दोस्तों ने भी ऊपर कहा कि ब्लॉगिंग ने भी आपको मिस किया । सच्ची मुच्ची जी ।

आइए अब ड्यूटी शुरू ..वैलकम बैक

sangita said...

स्वागत है पुनः ब्लोगिंग हेतु | नए आयाम देने के लिए कुछ नया तो करना ही होगा|

rashmi ravija said...

वेलकम बैक...स्वदेश से तरोताजा होकर लौटी होंगी...निशचय ही आपके लेखन को भी नई ऊर्जा मिलेगी.

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) said...

स्वागत है.....नियमित ब्लॉगर्स की कमी किसे नहीं खटकती ? आपने अपनी अनुभूतियाँ साझा की,अच्छा लगा. सच कहा आपने ब्लॉग जगत में हर तरह की पठनीय सामग्री उपलब्ध है.हर किसी को अपनी रुचि की सामग्री मिल जाती है. नई उर्जा लेकर लौटी हैं, हमें अच्छा पढ़ने को मिलेगा.

Anonymous said...

satya vachan :)

Dr. sandhya tiwari said...

nai urja aur nai anubhuti ke saath punh apno ke beetch swagat hai.

shikha varshney said...

सच कहा आपने ब्लोगिंग बिना सब सून.

avanti singh said...

बहुत ही सार्थक पोस्ट है मोनिका जी.....आप की ये बात भी मुझे बिलकुल ठीक लगी के ,

ब्लॉग्गिंग को व्यक्तिगत रूप से कोई जितना देता है उसका हिस्सा बनकर उससे कहीं अधिक पाता है ,अच्छा लिखती है आप,विचारों को बहुत उम्दा तरीके से कागज़ पर उतरती है.....बधाई...

Pradeep said...

मोनिका जी स्वागत है ...
आशा है आपकी अर्जित ऊर्जा यहाँ एक बार फिर प्रकाश बन कर फैलेगी . ...

निवेदिता श्रीवास्तव said...

वापसी पर स्वागत ..:)))

Unknown said...

blogging bcomes lyf after a few posts only...

Anonymous said...

welcome back
we also miss u in this days
and ya now we are waiting for some stories of your holidays

shashi purwar said...

welcome ......monika ji
sahi kaha aapne yeh blogging hi hamare jeevan me naya rang bhar rahi hai ......nahi to ek khalipan rahata tha .
ek pahachan ..apne vicharo ki abhivyakti .......ek aisa madhyam jahan ki duniya soft ..sakartmak aur shishth hai .
nice to read you post .
have a nice time .

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

अख़बार में हम अख़बारवाले की मर्ज़ी का पढ़ते हैं पर ब्लाग की दुनिया कहीं आज़ाद है...

अजित गुप्ता का कोना said...

आपकी इस पोस्‍ट पर मैंने कल ही टिप्‍पणी लिख दी थी, ऐसा मुझे याद है। लेकिन आज टिप्‍पणी नहीं देखी और इस पोस्‍ट को सेव भी कर रखा है तो लगता है कि केवल मन में ही टिप्‍पणी लिख दी गयी और वास्‍तव में नहीं लिखी गयी। आपका स्‍वागत है। आपको हम सब मिस कर रहे थे।

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बढ़िया प्रस्तुति...
आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 23-01-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ

manoj said...

aapka blogging ki dunia me swagat hai monika ji....

अनामिका की सदायें ...... said...

apki tippani dekh kar yad aaya ki bahut dino se aapki koi post ya apki kahin sakriyata dikhi nahi...aaj apki post padh kar jana ki aap to hame hi visit kar rahi thi.

chalo acchha hua jaan liye ki blogging se doori k maayne ab jyada door mat rahiyega. :-)

Atul Shrivastava said...

सही कहा आपने। ब्‍लागिंग का अपना अलग महत्‍व है। इसके जरिए कहीं दूर बैठे बैठे भी एक दूसरे के विचारों से अवगत हुआ जा सकता है और एक दूसरे के दिल के रिश्‍ते भी बन जाते हैं।
कुछ समय से आपके पोस्‍ट और टिप्‍पणियां नहीं दिख रही थीं तो लग रहा था कि आप कहां चली गईं..... मेरी पिछली पोस्‍ट पर आपकी टिप्‍पणी देखी तो लगा कि आप लौट आईं हैं और फिर आपकी पोस्‍ट का इंतजार होने लगा... और ये पोस्‍ट वाकई में बेहतर है......

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सही है। इसीलिए तो हमने भी यह रोग पाल लिया है।

virendra sharma said...

बिन ब्लोगिंग सब सून :मन की गांठें खोल ब्लोगिंग मन की गांठे खोल .कुछ नया करने को प्रेरित करती है ब्लोगिंग .कुछ नया सीखकर सांझा करने का नाम ब्लोगिंग है और यह सब प्रकाश की गति से हो जाता है .आपने सब की बात कह दी है अपने मार्फ़त वैध संतान है ब्लोगिंग हम सबकी जिसका निरंतर पल्लवन पोषण और शोषण दोहन ज़रूरी है .बधाई आपको नै ऊर्जा के साथ वापसी की .

महेन्‍द्र वर्मा said...

स्वागत, मोनिका जी।
ब्लागिंग की दुनिया मनोरंजन और ज्ञान-विज्ञान का अच्छा स्रोत है।
अच्छा आलेख।

DUSK-DRIZZLE said...

MAN KI BAT BEHTAR HAI

Naveen Mani Tripathi said...

aisa lagata hai jaise kitana lamba antral beet gya ho ......vpasi pr hardik badhai ....

P.N. Subramanian said...

घर वापसी के लिए शुभकामनाएं और बधाई ही ठीक लग रही है.

vandana gupta said...

यही तो है ब्लोगिंग का जादू।

राजन said...

सही कहा आपने...
मुझे नहीं लगता इंटरनेट पर अन्यत्र कहीं भी समय बिताना इतना लाभप्रद हो सकता हैं जितना ब्लॉगिंग की दुनिया में.
वापसी पर शुभकामनाएँ!

रचना दीक्षित said...

सही कहा मोनिका जी. ब्लोगिंग से दूर रहने पर हमेशा लगता रहता है कि कुछ मिस कर रहे हैं, लेकिन किया क्या जाय साजिक सरोकार और अन्य जिम्मेदारियां भी जरूरी हैं.

पुनरागमन पर स्वागत.

Saru Singhal said...

Welcome back Monica, hope you had a great time. True, blogging has become an inevitable part of the modern age cyberspace. Great post!

Unknown said...

▬● बहुत खूबसूरती से लिखा है आपने... शुभकामनायें...
दोस्त अगर समय मिले तो मेरी पोस्ट पर भ्रमन्तु हो जाइयेगा...
Meri Lekhani, Mere Vichar..
http://jogendrasingh.blogspot.com/2012/01/blog-post_23.html
.

संतोष पाण्डेय said...

स्वागत है. समसामयिक विषयों पर संजीदगी के साथ लिखे गए आपके आलेखों का बहुत लोगों का इंतजार रहा होगा,

Ramakant Singh said...

मैडम नमस्कार .
आपने रचना को पढ़ा आपका आभार
सचमुच ही ब्लोगिंग का आनंद अलग है बहुआयामी विविध विचार यही वो मंच जहाँ अनेकता में एकता
और एकता में अनेकता भाव दृष्टिगोचर होता है .
पुन धन्यवाद आपका
गणतंत्र दिवस की शुभकानाएं

Dr.NISHA MAHARANA said...

ब्लॉग्गिंग की सबसे बड़ी विशेषता यही है की यहाँ सभी को अपनी रूचि के अनुसार पढने लिखने को मिल जाता है बहुत सही बात कही आपने मोनिका जी।

संतोष त्रिवेदी said...

ब्लॉगिंग की जहाँ विशेषता आपस में जुड़े रहने की है वहीँ एक खामी भी है कि यदि आप कुछ समय इससे बाहर रहते हैं ,पढ्ते-टीपते नहीं तो संपर्क खत्म-सा हो जाता है !

आत्ममुग्धा said...

bilkul sahi kaha aapne......blogging ki duniya me main navjaat hu.....aap jaise logo se bahut sikhane ko milega.....bahut aanand aa raha hai is samundra me gote laga kar

कुमार राधारमण said...

ब्लॉगिंग अपने आप में एक मुकम्मल दुनिया है,जहां सबके लिए जगह है। निश्चय ही,इसे बेहतर बनाए जाने की संभावनाएं काफी ज़्यादा हैं,मगर फिलहाल इतना भी कम नहीं कि हममें से अधिकतर लोग ऐसा बहुत कुछ न सिर्फ कह पा रहे हैं और लक्षित लोगों तक पहुंचा पा रहे हैं बल्कि खुद को तौल भी पा रहे हैं जो अन्यथा शायद ही संभव था। केवल चंद एनआरआई लेखक ही अंग्रेज़ी के माध्यम से भारत में जाने जाते थे,मगर ब्लॉगिंग ने आप समेत कितने ही प्रवासियों की भाषा और भावनाओं से हमारा परिचय करवाया।

जयकृष्ण राय तुषार said...

आपकी मोहक ढंग से किया गया लेखन और कमेंट्स बहुत ही तरोताज़ा कर देते हैं |गणतंत्र दिवस की बधाई

शिवा said...

सुंदर प्रस्तुति .
गणतंत्र दिवस कि हार्दिक सुभकामनाएँ.

Kailash Sharma said...

आपका ब्लॉग जगत में वापसी का स्वागत है..सच में ब्लॉग जगत में कुछ तो ऐसा है जो इस से एक बार जुडने के बाद अलग नहीं होने देता...आभार

Sawai Singh Rajpurohit said...

मोनिका जी वापसी पर आपका स्वागत .> एक ब्लॉग सबका '
सादर

मनोज कुमार said...

शुभकामनाएं।

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