पाँच साल पहले मार्स ऑर्बिटर मिशन 'मॉम' की इस सफलता के बाद अख़बारों, न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया तक, सहज और साधारण सी दिखने-लगने वाली असाधारण प्रतिभा वाली स्त्रियों की तस्वीरें दुनियाभर में छा गईं थीं | ये सभी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की महिला वैज्ञानिक थीं, जो भारत के प्रथम मंगल अभियान की टीम का अहम् हिस्सा रहीं | भारत को अंतरिक्ष में मिली मंगल मिशन की ऐतिहासिक सफलता में महिला वैज्ञानिकों की भूमिका को वैश्विक स्तर पर रेखांकित किया था | गौरतलब है कि मार्स आर्बिटर मिशन की कामयाबी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए मार्स आर्बिटर मिशन को मातृत्व के संदर्भ में 'मॉम' कहा था | इसरो के इस अंतरिक्ष प्रोजेक्ट की यूनिट में कई महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियों को महिला वैज्ञानिकों ने बखूबी निभाया था | इस यूनिट में क़रीब डेढ़ सौ से दो सौ महिला वैज्ञानिकों ने कई मोर्चों अहम् भागीदारी निभाई थी | जिनमें 8 आठ महिलाओं की बड़ी भूमिका रही थी | हाल ही सफलतापूर्वक लांच किये गए चंद्रयान -2 अभियान में भी इसरो की दो महिला वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है | अपने देश के सपनों को आकार देने वाले चंद्रयान-2 प्रोजेक्ट में ऋतु करिधाल अभियान निदेशक और एम. वनिता परियोजना निदेशक हैं | सुखद है कि भारत का अंतरिक्ष में फतेह पाने का यह सिलसिला विज्ञान की दुनिया में देश की आधी आबादी की भूमिका भी पुख्ता कर रहा है |
विज्ञान के क्षेत्र में स्त्रियों की भागीदारी बढ़ना सामजिक-पारिवारिक स्तर भी बड़ा बदलाव लाएगी | वैज्ञानिक चेतना और तकनीकी जागरूकता स्त्री जीवन से जुड़ी कई रूढ़ियों से भी मुक्ति दिला सकती है | आज ज़िंदगी के हर मोर्चे पर महिलाएं बराबरी से शामिल हैं | खेल का मैदान हो, राजनीति का अखाड़ा हो या फिर अंतरिक्ष से जुड़े अनुसन्धान की दुनिया | हालांकि हमारे यहाँ कई कारणों से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लड़कियों और महिलाओं की संख्या कम रही है | यही वजह है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लैंगिक असमानता को कम करने और आधी आबादी का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए प्रशासनिक ही नहीं सामाजिक-पारिवारिक स्तर पर भी सहयोगी वातावरण बनाना जरूरी है | ताकि बड़ी संख्या में युवा महिलाएं विज्ञान की दुनिया में अपनी मौजूदगी दर्ज करवा सकें | सुखद है कि इस मोर्चे पर भी धीरे-धीरे स्थिति बदल भी रही है | विज्ञान और अनुसन्धान की दुनिया में न केवल महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ रही है, बल्कि वे नेतृत्वकारी भूमिका में भी अपना अहम् योगदान दे रही हैं | ( हाल ही में दैनिक हरिभूमि में प्रकाशित लेख का अंश )
ख़ास प्रतिभा की धनी आम सी महिलाएं |
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