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पढ़ने लिखने में रुचि रखती हूँ । कई समसामयिक मुद्दे मन को उद्वेलित करते हैं । "परिसंवाद" मेरे इन्हीं विचारों और दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है जो देश-परिवेश और समाज-दुनिया में हो रही घटनाओं और परिस्थितियों से उपजते हैं । अर्थशास्त्र और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर | हिन्दी समाचार पत्रों में प्रकाशित सामाजिक विज्ञापनों से जुड़े विषय पर शोधकार्य। प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ( समाचार वाचक, एंकर) के साथ ही अध्यापन के क्षेत्र से भी जुड़ाव रहा | प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के परिशिष्टों एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लेख एवं कविताएं प्रकाशित | सम्प्रति --- समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के लिए स्वतंत्र लेखन । प्रकाशित पुस्तकें------- 'देहरी के अक्षांश पर', 'दरवाज़ा खोलो बाबा', 'खुले किवाड़ी बालमन की'

ब्लॉगर साथी

05 July 2014

रंगों से खेलो

चैतन्य 
चैतन्य
रंगों से खेलो ही नहीं
इन से जुड़ जाओ
जीवन की ओर मुड़ जाओ
उकेर लो सब कुछ साफ़ कागज़ पर
अपनी कूँची के स्पर्श से
और बिखेरों आलोक
अपने इंद्रधनुषी व्यक्तित्व का
रंगों से रचो प्रकृति को
या उकेरो अपने मन का
जानो और समझो
हर रंग अलग है
न्यारी है उसकी आभा
ये मिलकर नया रंग खिलाते हैं
तुम इन्हें बाँध लो
अपने मन की साध लो

हँसते रंगों से रचो नया संसार
रंग-बिरंगी तितलियां
जो खुशियां लिए उड़ती फिरें
अपने सतरंगी पंखों पंखों से
बिखेर दें मुस्कराहट के नये  रंग
रंग जो फीके न हों
चैतन्य,
कूँची तुम्हारे हाथ है
मिला दो कई रंगों को
कर दो एकाकार जैसे मन मिलते हैं
और जानो-सीखो
जीवन कच्चे-पक्के रंगों सा है
सबसे मिलो, और समझो नया गढ़ने के सूत्र
अपने अस्तित्व को सहेजते हुए......

36 comments:

विभा रानी श्रीवास्तव said...

और जानो-सीखो
जीवन कच्चे-पक्के रंगों सा है
एक माँ की सच्ची सीख
मेरी भी हार्दिक शुभ कामनाएं बेटे जी को ....

Kailash Sharma said...

जीवन कच्चे-पक्के रंगों सा है
सबसे मिलो, और समझो नया गढ़ने के सूत्र
अपने अस्तित्व को सहेजते हुए......
....बहुत सुन्दर सीख और आकांक्षा...शुभकामनायें!

सदा said...

कर दो एकाकार जैसे मन मिलते हैं
और जानो-सीखो
जीवन कच्चे-पक्के रंगों सा है
सबसे मिलो, और समझो नया गढ़ने के सूत्र
अपने अस्तित्व को सहेजते हुए......
सहजता के साथ सुन्‍दर सीख देती अभिव्‍यक्ति
.......

प्रभात said...

कूँची तुम्हारे हाथ है
मिला दो कई रंगों को
कर दो एकाकार जैसे मन मिलते हैं
और जानो-सीखो
जीवन कच्चे-पक्के रंगों सा है.....बहुत खूब . प्रेरणादायक

दिगम्बर नासवा said...

बहुत ही सुन्दर और आशा का भाव लिए शब्द ...
जीवन के इन रंगों में ही सब कुछ मिलने वाला है ... इनको आत्मसात करना फिर सब के जीवन में उडेलना ही जीवन है ...

निवेदिता श्रीवास्तव said...

..... आमीन !!!

Himkar Shyam said...

प्रेरणादायक, खूबसूरत अभिव्यक्ति...प्यार और खुशी के रंग से भरा रहे ज़िन्दगी का कैनवास... मंगलकामनाएँ.

सुशील कुमार जोशी said...

शुभकामनाऐं ।

Harihar (विकेश कुमार बडोला) said...

बच्‍चे की लगन को देखकर उमड़े सद्विचार।

Maheshwari kaneri said...

रंगो से खेलो इतना कि इन्द्र धनुष रच डालो.. शुभकामनाऐं ..चैतन्य,

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुन्दर भाव ।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

जीवन इन्द्रधनुषी हो इस कलाकार का..
मेरे बच्चे के हाथ हैं इनमें
मेरी पहचान है लकीरों में!

shikha varshney said...

सतरंगी कविता , बहुत सुन्दर

ब्लॉग बुलेटिन said...

ब्लॉग बुलेटिन आज की बुलेटिन, गुरु गुरु ही होता है... ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

Smart Indian said...

* तुम इन्हें बाँध लो, अपने मन की साध लो
- बहुत सुन्दर

कौशल लाल said...

बहुत सुन्दर भाव .....

Suman said...

बहुत सुन्दर रचना … रंगों से खेलना मतलब बचपन से ही
ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देना, एक माँ के सिवा और कौन कर सकता है यह !

गिरधारी खंकरियाल said...

प्रेरणा प्रद रचना।

राजीव कुमार झा said...

बहुत सुंदर एवं प्रेरक.

संध्या शर्मा said...

जीवन के खूबसूरत रंगों से रचो नया संसार… शुभकामनायें, आशीष और ढेर सारा प्यार

Unknown said...

Bahuthi sundar rachna! Dil khushi se jhum utha!

Pallavi saxena said...

रंगों के माध्यम से जीवन का अर्थ बताती रंगबिरंगी कविता।

डॉ. जेन्नी शबनम said...

बहुत सुन्दर रचना, बधाई.

Amrita Tanmay said...

अहा! कितना सुन्दर भाव और संदेशा है ..

मुकेश कुमार सिन्हा said...

दुनिया जीत लो, शुभकामनाएँ व आशीष !!

Unknown said...

दुनिया को विजय करने का साहस भरने के लिए शुभकामनायें

Anupam Dixit said...

बहुत सुंदर

Anita said...

सुंदर भाव...

अभिषेक शुक्ल said...

रंगों से खेलते -खेलते कब रंग हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बनते हैं कुछ पता ही नहीं चलता, पर जब ये रंग फीके पड़ते हैं तो बेरंग सी जिंदगी झेली नहीं जाती....बहुत खूबसूरत....

Preeti 'Agyaat' said...

जीवन कच्चे-पक्के रंगों सा है
सबसे मिलो, और समझो नया गढ़ने के सूत्र
अपने अस्तित्व को सहेजते हुए...... atyant sundar !

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

कर दो एकाकार जैसे मन मिलते हैं
और जानो-सीखो
जीवन कच्चे-पक्के रंगों सा है
सबसे मिलो, और समझो नया गढ़ने के सूत्र
अपने अस्तित्व को सहेजते हुए......
बहुत सुन्दर भाव ..कोमल ..अच्छा सन्देश मोनिका जी चैतन्य के जीवन में ऐसे प्यारे रंग भरे गुलशन खिला रहे ...सुन्दर बधाई
आभार
भ्रमर ५

Shalini kaushik said...

सबसे मिलो, और समझो नया गढ़ने के सूत्र
अपने अस्तित्व को सहेजते हुए......
sarthak shikshatmak prastuti monika ji .thanks

कुमार राधारमण said...

जीवन सुंदर,उपवन-सा है, जो रंग से रंग मिला
जड़-चेतन मिलन,परा-सुंदर,इंद्रधनुष है खिला !

Vandana Sharma said...

Bahut hee achhi kavita aut bacchon ko hum hee to batayeingey sahi raah.

Kunwar Kusumesh said...

जिसकी माँ हो आप-सी,वो बेटा है धन्य।
नाम करेगा आपका,ये बेटा चैतन्य। ।

संजय @ मो सम कौन... said...

बहुरंगी दुनिया है, चैतन्य को रंगों से दोस्ती करनी ही चाहिये।

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