चैतन्य |
रंगों से खेलो ही नहीं
इन से जुड़ जाओ
जीवन की ओर मुड़ जाओ
उकेर लो सब कुछ साफ़ कागज़ पर
अपनी कूँची के स्पर्श से
और बिखेरों आलोक
अपने इंद्रधनुषी व्यक्तित्व का
रंगों से रचो प्रकृति को
या उकेरो अपने मन का
जानो और समझो
हर रंग अलग है
न्यारी है उसकी आभा
ये मिलकर नया रंग खिलाते हैं
तुम इन्हें बाँध लो
अपने मन की साध लो
हँसते रंगों से रचो नया संसार
रंग-बिरंगी तितलियां
जो खुशियां लिए उड़ती फिरें
अपने सतरंगी पंखों पंखों से
बिखेर दें मुस्कराहट के नये रंग
रंग जो फीके न हों
चैतन्य,
कूँची तुम्हारे हाथ है
मिला दो कई रंगों को
कर दो एकाकार जैसे मन मिलते हैं
और जानो-सीखो
जीवन कच्चे-पक्के रंगों सा है
सबसे मिलो, और समझो नया गढ़ने के सूत्र
अपने अस्तित्व को सहेजते हुए......
36 comments:
और जानो-सीखो
जीवन कच्चे-पक्के रंगों सा है
एक माँ की सच्ची सीख
मेरी भी हार्दिक शुभ कामनाएं बेटे जी को ....
जीवन कच्चे-पक्के रंगों सा है
सबसे मिलो, और समझो नया गढ़ने के सूत्र
अपने अस्तित्व को सहेजते हुए......
....बहुत सुन्दर सीख और आकांक्षा...शुभकामनायें!
कर दो एकाकार जैसे मन मिलते हैं
और जानो-सीखो
जीवन कच्चे-पक्के रंगों सा है
सबसे मिलो, और समझो नया गढ़ने के सूत्र
अपने अस्तित्व को सहेजते हुए......
सहजता के साथ सुन्दर सीख देती अभिव्यक्ति
.......
कूँची तुम्हारे हाथ है
मिला दो कई रंगों को
कर दो एकाकार जैसे मन मिलते हैं
और जानो-सीखो
जीवन कच्चे-पक्के रंगों सा है.....बहुत खूब . प्रेरणादायक
बहुत ही सुन्दर और आशा का भाव लिए शब्द ...
जीवन के इन रंगों में ही सब कुछ मिलने वाला है ... इनको आत्मसात करना फिर सब के जीवन में उडेलना ही जीवन है ...
..... आमीन !!!
प्रेरणादायक, खूबसूरत अभिव्यक्ति...प्यार और खुशी के रंग से भरा रहे ज़िन्दगी का कैनवास... मंगलकामनाएँ.
शुभकामनाऐं ।
बच्चे की लगन को देखकर उमड़े सद्विचार।
रंगो से खेलो इतना कि इन्द्र धनुष रच डालो.. शुभकामनाऐं ..चैतन्य,
बहुत सुन्दर भाव ।
जीवन इन्द्रधनुषी हो इस कलाकार का..
मेरे बच्चे के हाथ हैं इनमें
मेरी पहचान है लकीरों में!
सतरंगी कविता , बहुत सुन्दर
ब्लॉग बुलेटिन आज की बुलेटिन, गुरु गुरु ही होता है... ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
* तुम इन्हें बाँध लो, अपने मन की साध लो
- बहुत सुन्दर
बहुत सुन्दर भाव .....
बहुत सुन्दर रचना … रंगों से खेलना मतलब बचपन से ही
ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देना, एक माँ के सिवा और कौन कर सकता है यह !
प्रेरणा प्रद रचना।
बहुत सुंदर एवं प्रेरक.
जीवन के खूबसूरत रंगों से रचो नया संसार… शुभकामनायें, आशीष और ढेर सारा प्यार
Bahuthi sundar rachna! Dil khushi se jhum utha!
रंगों के माध्यम से जीवन का अर्थ बताती रंगबिरंगी कविता।
बहुत सुन्दर रचना, बधाई.
अहा! कितना सुन्दर भाव और संदेशा है ..
दुनिया जीत लो, शुभकामनाएँ व आशीष !!
दुनिया को विजय करने का साहस भरने के लिए शुभकामनायें
बहुत सुंदर
सुंदर भाव...
रंगों से खेलते -खेलते कब रंग हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बनते हैं कुछ पता ही नहीं चलता, पर जब ये रंग फीके पड़ते हैं तो बेरंग सी जिंदगी झेली नहीं जाती....बहुत खूबसूरत....
जीवन कच्चे-पक्के रंगों सा है
सबसे मिलो, और समझो नया गढ़ने के सूत्र
अपने अस्तित्व को सहेजते हुए...... atyant sundar !
कर दो एकाकार जैसे मन मिलते हैं
और जानो-सीखो
जीवन कच्चे-पक्के रंगों सा है
सबसे मिलो, और समझो नया गढ़ने के सूत्र
अपने अस्तित्व को सहेजते हुए......
बहुत सुन्दर भाव ..कोमल ..अच्छा सन्देश मोनिका जी चैतन्य के जीवन में ऐसे प्यारे रंग भरे गुलशन खिला रहे ...सुन्दर बधाई
आभार
भ्रमर ५
सबसे मिलो, और समझो नया गढ़ने के सूत्र
अपने अस्तित्व को सहेजते हुए......
sarthak shikshatmak prastuti monika ji .thanks
जीवन सुंदर,उपवन-सा है, जो रंग से रंग मिला
जड़-चेतन मिलन,परा-सुंदर,इंद्रधनुष है खिला !
Bahut hee achhi kavita aut bacchon ko hum hee to batayeingey sahi raah.
जिसकी माँ हो आप-सी,वो बेटा है धन्य।
नाम करेगा आपका,ये बेटा चैतन्य। ।
बहुरंगी दुनिया है, चैतन्य को रंगों से दोस्ती करनी ही चाहिये।
Post a Comment