सत्य एवं सुन्दर !
सत्य लिखा है. समय कोई भी हो, सानिध्य माँ का हो तो उजाला ही उजाला है मन में और बाहर में. सुन्दर रचना.
अत्यन्त सत्य।
सच है माँ का एहसास ही आलोकित कर देता है घर-आँगन को, माँ होती ही है ऐसी...सुंदर अभिव्यक्ति
और ये उजास रहती है किसी ज्योति की तरह दिल में ... और सूरज की किरण हो न हो .... ये प्रकाश देती है जीवन भर ...माँ का तो एहसास ही काफी है रौशनी के लिए ...
सत्य।
सुन्दर अभिव्यक्ति !आभार !
सच है माँ का नाम ही पर्याप्त है माँ है तो उजाला ही होगा आभार
मां का आंचल सूरज से कम नहीं।ममता की नितांत नई व्याख्या।
ये प्रेम ही तो परमात्मा स्वरूप है माँ के आँचल सा।
आह...खूबसूरत !
बहुत सुन्दर क्षणिका !
सत्य लिखा है....बहुत सटीक
14 comments:
सत्य एवं सुन्दर !
सत्य लिखा है. समय कोई भी हो, सानिध्य माँ का हो तो उजाला ही उजाला है मन में और बाहर में. सुन्दर रचना.
अत्यन्त सत्य।
सच है माँ का एहसास ही आलोकित कर देता है घर-आँगन को, माँ होती ही है ऐसी...सुंदर अभिव्यक्ति
और ये उजास रहती है किसी ज्योति की तरह दिल में ... और सूरज की किरण हो न हो .... ये प्रकाश देती है जीवन भर ...
माँ का तो एहसास ही काफी है रौशनी के लिए ...
सत्य।
सुन्दर अभिव्यक्ति !
आभार !
सुन्दर अभिव्यक्ति !
आभार !
सच है माँ का नाम ही पर्याप्त है माँ है तो उजाला ही होगा
आभार
मां का आंचल सूरज से कम नहीं।
ममता की नितांत नई व्याख्या।
ये प्रेम ही तो परमात्मा स्वरूप है माँ के आँचल सा।
आह...खूबसूरत !
बहुत सुन्दर क्षणिका !
सत्य लिखा है....बहुत सटीक
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