बेटियो
तुम पढ़ो-लिखो
पढ़ोगी नहीं तो आगे बढ़ोगी कैसे
जीवन को समझोगी कैसे
समझीं नहीं तो जियोगी कैसे
पर स्मरण रहे
जब उठाओ कागज़ कलम
तो चाहे कहानी, किवदंती पढ़ो
या गीत, कविता गढ़ो
शब्दों से सबक लेना
बहकना नहीं
समाचारों की सुर्खियाँ पढ़ो तो
संभलना सीखना
डरना नहीं
पढऩा-गुनना संभलने के लिए
भटकने के लिए नहीं
शब्दों की अंगुलियाँ थाम
जाना उस मार्ग पर
जो समझाए सही प्रयोजन
शिक्षित होने का
कुछ बनो ना बनो
स्वयं को हरगिज ना खोने का
सही अर्थों में समझना
कल्पना और यर्थाथ का अंतर
उग्रता नहीं दृढ़ता को बनाना
अपना संबल और
साध लेना हर स्वपन
54 comments:
कल 23/05/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद !
बेटियोंके नाम बहुत सही संदेश !
बेटियो.....और जीत जाना अपने अस्तित्व से भी..
बहुत सुन्दर....
आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (23.05.2014) को "धरती की गुहार अम्बर से " (चर्चा अंक-1621)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, वहाँ पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।
आपकी इस रचना को आज दिनांक २२ मई, २०१४ को ब्लॉग बुलेटिन - पतझड़ पर स्थान दिया गया है | बधाई |
गहरे भावों से युक्त सुन्दर कविता।
काश बेटियाँ इस संदेश की गूढ़ता को समझ पाएँ ......
सही है… :)
कल्पना और यथार्थ का अंतर सही अर्थों में समझना …अपने होने का अर्थ भी समझना !
मुश्किल दौर में उचित समझाईश बेटियों के लिए !
यह सन्देश सभी बेटियों तक पहुंचना चाहिए।
उग्रता नहीं दृढ़ता को बनाना
अपना संबल और
साध लेना हर स्वपन
................बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति !!
बहुत सुन्दर सन्देश युक्त रचना !
सुन्दर कथ्य व सन्देश...
प्रेरक आह्वान
हर अँधेरे उजाले का पता देते हैं
तुम उनको संजोती जाओ … अपने सपनों की सार्थकता के लिए
हर कदम समझकर उठाओ
बेटियाोँ को शिक्षित होना आवश्यक है।
सार्थक सन्देश … हर बेटी समझ ले तो जीत जाए हर मुश्किल ...
आमीन ... सार्थक दिशा देने का प्रयास है ये रचना ... आह्वान है की दृढ़ता से अपनी राह चुनो ...
संबलता प्रदान करती हुयी कविता।
मां बाप को समझना चाहिए
खूबसूरत भाव !!
सच भी है, बेटी है और समझदार है तो
सोने सुहागा ………
इतनी प्यारी कविता के लिए शुक्रिया
आपके आमीन पर हमारी सुम्मा आमीन :)
बढ़िया और गंभीर सन्देश बेटियों के लिए ! मंगलकामनाएं …….
तो चाहे कहानी, किवदंती पढ़ो
या गीत, कविता गढ़ो
शब्दों से सबक लेना
बहकना नहीं
समाचारों की सुर्खियाँ पढ़ो तो
संभलना सीखना
डरना नहीं
बहुत जरूरी सन्देश .....बहुत सुन्दर
Sahi..bahut hi sahi baat kahi hai aapne is kavita se...
bahut sundar !
मैं तो बेटी का बाप हूँ और सदा यही शिक्षा देता हूँ अपनी बेटी को. एक सार्थक सीख!!
बेटियों के प्रति सशक्त उदगार।
सुंदर, सार्थक और प्रेरक संदेश... हर बेटी पढ़े और आगे बढे...
बेटियो के लिए सुन्दर सार्थक संदेश....आभार मोनिका जी..
पढऩा-गुनना संभलने के लिए
भटकने के लिए नहीं.......................liked all
पढऩा-गुनना संभलने के लिए
भटकने के लिए नहीं.......................liked all
काफी दिनों बाद आना हुआ इसके लिए माफ़ी चाहूँगा । बहुत बढ़िया लगी पोस्ट |
adutiy- ***
Adutiy-****
आपकी लिखी बात इस बेटी तक पहुंची, आभार बेटियों का मनोबल बढ़ाने के लिए :-)
कुछ बनो ना बनो
स्वयं को हरगिज ना खोने का
बहुत खूब लिखा हैं मैम !!!!
‘‘पढना-गुनना संभलने के लिए
भटकने के लिए नहीं
शब्दों की अंगुलियाँ थाम
जाना उस मार्ग पर
जो समझाए सही प्रयोजन
शिक्षित होने का‘‘
अमूल्य संदेश, अमोल विचार।
सभी को प्रेरित करती प्रभावी रचना।
बहुत सुन्दर प्रेरक रचना प्रस्तुति .. आभार
सार्थक विचार और सन्देश । एक क्रांति की ओर बढ़ते कदम ।
सच्चा स्त्री-विमर्श, आपको इस कविता के लिये साधुवाद...
bahut hee prernataamak:)
एक सरल मोहकतापूर्ण रचीं अभिव्यक्ति |
सारगर्भित पोस्ट उस वेला जब स्मृति ईरानी के मानव-संशाधन मंत्राणी का पद भार संभालने पर काफी चिल्ल पौ मचा चुकी है पिटी कुटी कांग्रेस।
i like this
मोनिका जी नमस्कार.
राजस्थान पत्रिका के आज के अंक के साथ प्रकाशित मी नेक्स्ट में आपके ब्लॉग का उल्लेख किया गया है.
बधाई।
बेटियों के नाम सही संदेश ।
शब्दों से सबक लेना
बहकना नहीं
समाचारों की सुर्खियाँ पढ़ो तो
संभलना सीखना
डरना नहीं
पढऩा-गुनना संभलने के लिए
भटकने के लिए नहीं
आदरणीया डॉ मोनिका जी बहुत सुन्दर ..बेटियों को सजग रहने के लिए सदा सीख की जरुरत है सुन्दर रचना
भ्रमर ५
बेटियो के लिए सुन्दर सार्थक संदेश
बहुत खूबसूरत संदेश बेटियों के लिए।
दृढ प्रतिज्ञ संकल्पों की रचना मार्ग निर्देशक यंत्र सी बेटियों के वास्ते बेटियों के द्वारा।
शुक्रिया आपके प्रेरक टिप्पणियों के लिए
har mata-pita ke dar ko sambodhit kar diya apki kavita ne.
समाचारों की सुर्खियाँ पढ़ो तो
संभलना सीखना
डरना नहीं
बहुत सुन्दर
बेटियों के लिए बहुत ही सुंदर संदेश ! बधाई ---
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