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पढ़ने लिखने में रुचि रखती हूँ । कई समसामयिक मुद्दे मन को उद्वेलित करते हैं । "परिसंवाद" मेरे इन्हीं विचारों और दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है जो देश-परिवेश और समाज-दुनिया में हो रही घटनाओं और परिस्थितियों से उपजते हैं । अर्थशास्त्र और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर | हिन्दी समाचार पत्रों में प्रकाशित सामाजिक विज्ञापनों से जुड़े विषय पर शोधकार्य। प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ( समाचार वाचक, एंकर) के साथ ही अध्यापन के क्षेत्र से भी जुड़ाव रहा | प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के परिशिष्टों एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लेख एवं कविताएं प्रकाशित | सम्प्रति --- समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के लिए स्वतंत्र लेखन । प्रकाशित पुस्तकें------- 'देहरी के अक्षांश पर', 'दरवाज़ा खोलो बाबा', 'खुले किवाड़ी बालमन की'

ब्लॉगर साथी

01 June 2012

तुम्हारे आ जाने से...चैतन्य

चैतन्य


चैतन्य
तुम्हारा आना
जीवन में नई चेतना
ले आया है
उग आये हैं कुछ
नए विचार
मेरे ह्रदय के आँगन में
और 
मैं गर्वित हूँ
कि संवेदनशीलता से
फूटती ये वैचारिक कोंपलें
अपनी जड़ें जमा रही हैं 

        मनुष्यता की सीढियाँ 
 चढ़ते हुए
प्रकृति के समीप
ले आया है मुझे 
तुम्हारा  साथ
लौट आयीं हैं मेरे
जीवन में तितलियाँ
और भवरों की गुंजन
फिर चला आया है
इन्द्रधनुष देखने का हठ
 दृढ़ता पा गया है
अपनी हर बात साधिकार
कहने का आत्मविश्वास 
 फिर समेट लिए हैं मैंने
माटी के रंग
अपने आँचल में
 जो स्नेह और ममत्व के
अनगिनत प्रतिमान
गढ़ते हुए
मुझे सही अर्थों में
मानवी बना रहे हैं

तुम्हारे आ जाने से
  माँ हो जाने से
चैतन्य
मुझे संसार के
हर बच्चे से
प्रेम हो गया है

84 comments:

अनुपमा पाठक said...

लौट आयीं हैं मेरे
जीवन में तितलियाँ
और भवरों की गुंजन
फिर चला आया है
इन्द्रधनुष देखने का हठ
वाह!
बहुत सुन्दर!

Madhuresh said...

वाकई मातृत्व और वात्सल्य का सुख तो धरा पर स्वर्ग-सी अनुभूति है.. चैतन्य को मेरी तरफ से भी आशीष एवं शुभकामनाएं :)

vijai Rajbali Mathur said...

अंतर्राष्ट्रीय बालदिवस के उपलक्ष्य मे 'चैतन्य' पर लिखी प्रेरणादाई कविता अच्छी है। चैतन्य को शुभकामनायें एवं आशीर्वाद।

प्रवीण पाण्डेय said...

अद्भुत अभिव्यक्ति, बालपन का चैतन्य प्रतीक..

रश्मि प्रभा... said...

तुम्हारे आ जाने से
माँ हो जाने से
चैतन्य
मुझे संसार के
हर बच्चे से
प्रेम हो गया है - सहज स्वाभाविक एहसास

virendra sharma said...

माँ होने की पुलक को मूर्त करती रचना .कृपया यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
शनिवार, 2 जून 2012
साधन भी प्रस्तुत कर रहा है बाज़ार जीरो साइज़ हो जाने के .
गत साठ सालों में छ: इंच बढ़ गया है महिलाओं का कटि प्रदेश (waistline),कमर का घेरा
http://veerubhai1947.blogspot.in/

ashish said...

वात्सल्य रस जीवन को मायने देता है . चैतन्य को शुभाशीष .

सदा said...

लौट आयीं हैं मेरे
जीवन में तितलियाँ
और भवरों की गुंजन
फिर चला आया है
इन्द्रधनुष देखने का हठ
अनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने ...

शिवम् मिश्रा said...

बेहद उम्दा भाव ... प्रणाम !

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

सहज सुखद अहसास, भावपूर्ण चिंतन

Dr. sandhya tiwari said...

दिल को छुते भाव ..........चैतन्य को आशीष ......बहुत आगे बढ़े........

Maheshwari kaneri said...

ममत्व का अद्भुत अहसास...बहुत सुन्दर... चैतन्य को मेरी शुभकामनायें एवं आशीर्वाद......

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

अपने आँचल में
जो स्नेह और ममत्व के
अनगिनत प्रतिमान
गढ़ते हुए
मुझे सही अर्थों में
मानवी बना रहे हैं

यही माँ का ममत्व है

RECENT POST .... काव्यान्जलि ...: अकेलापन,,,,,

Maheshwari kaneri said...

ममत्व का अद्भुत अहसास...बहुत सुन्दर... चैतन्य को मेरी शुभकामनायें एवं आशीर्वाद......

राजन said...

बहुत सुंदर प्रस्तुति !

***Punam*** said...

तुम्हारा आना
जीवन में नई चेतना
ले आया है
उग आये हैं कुछ
नए विचार
मेरे ह्रदय के आँगन में
और
मैं गर्वित हूँ!!

माँ के लिए इससे बेहतर कुछ भी नहीं....!!

Manoj K said...

ख़ूब,
बच्चे हमको और परिपक्व करते जाते हैं, माता-पिता को, होना सीखा देते हैं.

Yashwant R. B. Mathur said...

बेहतरीन भाव

सादर

Yashwant R. B. Mathur said...

कल 03/06/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

संतोष त्रिवेदी said...

चैतन्य के बहाने बचपन को फिर से जी लो,
चंदा मामा से मिलकर ,एक खिलौना ले लो !!

संध्या शर्मा said...

सचमुच मातृत्व पूर्णता का अहसास है.... चैतन्य को ढेर सारा स्नेह और आशीष...

मेरा मन पंछी सा said...

बहूत हि सुंदर लिखा है
बहूत हि सुंदर ममता के रंग में रंगी बेहतरीन रचना...
:-)

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

सुंदर बहुत सुंदर वाह

Darshan Darvesh said...

प्रभाव में आ गया हूँ |

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत खूबसूरत एहसास ....मातृत्व के रंग में रंगी सुन्दर रचना

शिवम् मिश्रा said...

इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - दा शो मस्ट गो ऑन ... ब्लॉग बुलेटिन

दर्शन कौर धनोय said...

सच कहा ..माँ बनाना अपने आप में गौरव् हैं ..एक नए जीवन का उदय ...नई परिभाषा का आगमन ...

rashmi ravija said...

तुम्हारे आ जाने से
माँ हो जाने से
चैतन्य
मुझे संसार के
हर बच्चे से
प्रेम हो गया है

कितनी सुन्दर बात कही है...
चैतन्य को ढेरों आशीर्वाद

kshama said...

Kitni komal bhavnayen hain is rachana me!

virendra sharma said...

माँ हो जाना नारी की सम्पूर्णता है कायनात का मार्च पास्ट है . यकीन है यह सृष्टि यूं ही चलती रहेगी ,टेस्ट ट्यूब नहीं बनेगी माँ की कोख ,न धाय माँ ,सिर्फ माँ ,माम और माँ....
कृपया यहाँ भी पधारें -
साधन भी प्रस्तुत कर रहा है बाज़ार जीरो साइज़ हो जाने के .
गत साठ सालों में छ: इंच बढ़ गया है महिलाओं का कटि प्रदेश (waistline),कमर का घेरा
http://veerubhai1947.blogspot.in/

लीवर डेमेज की वजह बन रही है पैरासीटामोल (acetaminophen)की ओवर डोज़
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/

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इस साधारण से उपाय को अपनाइए मोटापा घटाइए

Anupama Tripathi said...

sahaj bhaav mamyaa ke ...
bahut sundar..

Smart Indian said...

बहुत सुन्दर! बच्चे वाकई ईश्वर की सुन्दरतम कृति हैं!

वाणी गीत said...

बच्चे माँ के जीवन को पूर्णता देते हैं !
कोमल सुखद एहसास !

Suman said...

मातृत्व पूर्णता का अहसास दिलाती है !
प्यारी रचना ....चैतन्य को बहुत सारा स्नेह !

amit kumar srivastava said...

इस पर कोई टिप्पणी भी छोटी और हलकी होगी | माँ-बेटे के प्यार को कब कौन अभिव्यक्त कर पाया है |

लाजवाब रचना |

Arvind Mishra said...

सबल हुआ मातृत्व -चैतन्य को स्नेहाशीष!

विवेक रस्तोगी said...

माँ तो माँ ही होती है।

Anonymous said...

लौट आयीं हैं मेरे
जीवन में तितलियाँ
और भवरों की गुंजन
फिर चला आया है
इन्द्रधनुष देखने का हठ

bahut pyari rachna Monika ji... khas taur par yah panktiyan to bas adbhut hi hain...

sadar
manju

G.N.SHAW said...

चैतन्य का कोना से यह मातृत्व भरा प्यार संसार में जीने की शुरुवात है ! नए पुष्प हमेशा ही नए संचार करते है ! पुष्प और सुगंध सदैव बना रहे ! बहुत ही आशावान कविता ! आप को बधाई और चैतन्य को आशीर्वाद !

yashoda Agrawal said...

"माँ" हो जाने से
चैतन्य............
मुझे संसार के
हर बच्चे से
प्रेम हो गया है...
सुन्दर पंक्तियाँ.....
सादर

दिगम्बर नासवा said...

बच्चे जीवन में जीने की लालसा जगा देते हैं ... खुशियों का रंग भर देते हैं ...
बहुत ही सुन्दर रक हना है प्रेम से सरोबर ..

मनीष said...

माटी के रंग
अपने आँचल में
जो स्नेह और ममत्व के
अनगिनत प्रतिमान
गढ़ते हुए
मुझे सही अर्थों में
मानवी बना रहे हैं

तुम्हारे आ जाने से
माँ हो जाने से
चैतन्य

bahut sundar...

Pallavi saxena said...

सौफी सदी सच्ची बात माँ हो जाने के बाद वाकई हर बच्चे से प्रेम हो जाता है।

डॉ टी एस दराल said...

बहुत सुन्दर ममतामयी प्रस्तुति. माँ होने का सुख एक माँ ही समझ सकती है .

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

तितलियाँ कहीं न जाएँ, यूँ ही तन मन को महकाएं...

सुन्दर भाव भरी रचना....

महेन्‍द्र वर्मा said...

लौट आयीं हैं मेरे
जीवन में तितलियाँ
और भवरों की गुंजन
फिर चला आया है
इन्द्रधनुष देखने का हठ

एक शिशु की मां होने के बाद मां के मन-हृदय में होने वाले कोमल परिवर्तन को आपने बहुत अच्छी तरह संजोया है।

Saras said...

तुम्हारे आ जाने से
माँ हो जाने से
चैतन्य
मुझे संसार के
हर बच्चे से
प्रेम हो गया है .....
...बस यही है माँ की परिभाषा ...

Saras said...

तुम्हारे आ जाने से
माँ हो जाने से
चैतन्य
मुझे संसार के
हर बच्चे से
प्रेम हो गया है .....
...बस यही है माँ की परिभाषा ...

कुमार राधारमण said...

ये जो बच्चा है जीवन में
बचाए रखना,कि जीवन रहे!

ऋता शेखर 'मधु' said...

वात्सल्य की अद्भुत अभिव्यक्ति...चैतन्य को स्नेहाशीष !!!

मनोज कुमार said...

मां की ममता और बच्चों के साथ ज़िन्दगी के कुछ हसीन लमहों को समेटने की चाहत या यूं कहें कि फिर से उसे जीने की तमन्ना इस कविता को एक अलग ऊंचाई पर ला खड़ा करता है।

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

वाह...मन प्रसन्न हो गया आपकी प्रस्तुति देखकर...बहुत बहुत बधाई...

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

वाह...सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) said...

लोरी रोज सुनाने लगती
ममता भी तुतलाने लगती

सुंदर भाव.

Udan Tashtari said...

मातृत्व की अनुभूति.....


चैतन्य को प्यार....

प्रेम सरोवर said...

बहुत सुंदर । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

Sanju said...

Very nice post.....
Aabhar!
Mere blog pr padhare.

Kailash Sharma said...

मातृ प्रेम की अद्भुत अभिव्यक्ति...शुभकामनायें !

वीरेंद्र सिंह said...

So touching.....!

संतोष पाण्डेय said...

मातृत्व की गहन अनुभूति को अभिव्यक्त करती रचना. मां की ममतामयी छाँव को प्रणाम.

Asha Joglekar said...

अपने आँचल में
जो स्नेह और ममत्व के
अनगिनत प्रतिमान
गढ़ते हुए
मुझे सही अर्थों में
मानवी बना रहे हैं

वाह, भावभीनी ममत्वपूर्ण रचना ।

सुज्ञ said...

ममता की सहज अभिव्यक्ति साकार

Satish Saxena said...

यह दिन सहेज लीजियेगा ....
शुभकामनायें !

Amrita Tanmay said...

इसलिए तो माँ सार्वभौमिक हो जाती है...सुन्दर रचना..

Anonymous said...

एक तो इतना सुन्दर और प्यारा बच्चा है आपका....उस पर कितना सुन्दर उसका नाम चैतन्य.....इश्वर करे चैतन्य हमेशा यूँ ही फलता और फूलता रहे और आपको भी महकाता रहे.....आमीन ।

मुकेश कुमार सिन्हा said...

sach me pyara sa khubsurat chaitanya aur uske liye shabd.. sab kuchh behtareen:)

amrendra "amar" said...

bahut sunder rachna

amrendra "amar" said...

bahut umda rachna

कुमार राधारमण said...

स्नेह-नीर से सींच सोचती,पाकर होऊं धन्य
स्वप्न हुआ साकार अंक में आया जब चैतन्य!

Dinesh pareek said...

बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....
आपको हार्दिक शुभकामनायें !

डॉ. जेन्नी शबनम said...

संतान की प्राप्ति का सुख माँ के लिए अमूल्य होता है. बहुत सुन्दर रचना. चैतन्य को बहुत आशीष. शुभकामनाएँ.

पूनम श्रीवास्तव said...

ek bachche ki kilkaari se saara ghar bhar jaata hai fir usi ke saath apna bachpan bhi lout aata hai.
bahut hi sateek aur mamatv pura abhivykti
poonam

virendra sharma said...

बेशक माँ होना नारीपन का शिखर है जहां उसके स्व :का लोप हो जाता है .शेष रह जाती है एक जननी .एक माँ .व्यष्टि का समष्टि में विलय शायद यही है .

virendra sharma said...

माँ होना जीवन की सम्पूर्णता है .कायनात का स्पंदन है . . .कृपया यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
शनिवार, 9 जून 2012
स्ट्रेस से असर ग्रस्त होतें हैं नन्नों के नन्ने विकासमान दिमाग

http://veerubhai1947.blogspot.in/

Coral said...

चैतन्यमयी !

रचना दीक्षित said...

तुम्हारे आ जाने से
माँ हो जाने से
चैतन्य
मुझे संसार के
हर बच्चे से
प्रेम हो गया है

मातृत्व और वात्सल्य सुख सर्वोपरि है.
सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति.

बधाई.

Sawai Singh Rajpurohit said...

चैतन्य
तुम्हारा आना
जीवन में नई चेतना
ले आया है

बहूत सुंदर लिखा है

Anonymous said...

बहोत अच्छे

Hindi Dunia Blog (New Blog)

Rakesh Kumar said...

सुन्दर वात्सल्यमयी प्रस्तुति.
चैतन्य के आने की आपको अनेकानेक बधाई.
प्रिय चैतन्य को ढेरों शुभाशीष और शुभकामनाएँ.
शानदार ममतामयी प्रस्तुति के लिए आभार.

virendra sharma said...

पंछी बन आकाश में उड़ने लगा है मन ,ऊंचाइयों को छूने लगा है ,
एक तारल्य से संसिक्त रहती हूँ हर पल ,प्रति -पल
तुम्हारे आने से काया कल्प हुआ है मेरा ,
नारी रूप पल्लवन भी .
शुक्रिया ब्लोगिया दस्तक के लिए ......

virendra sharma said...

शुक्रिया आपकी ब्लोगिया दस्तक का ..

Kunwar Kusumesh said...

चैतन्य को शुभकामनायें एवं आशीर्वाद.

सुन्दर रचना .

bhawnavardan@gmail.com said...

bahut hi sundar kiha hai ane, shubhkamnayein......

bhawnavardan@gmail.com said...

bahut hi sundar kiha hai ane, shubhkamnayein......

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