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09 September 2020

आत्महत्या के बढ़ते आँकड़े चिंतनीय

राजस्थान पत्रिका- डेलीन्यूज में प्रकाशित  

2 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सार्थक आलेख।
बधाई हो।

विशाल सिंह (Vishaal Singh) said...

बहुत ही गंभीर एवं ज्वलंत समस्या पर एक सधा हुआ लेख... समस्या एक... पर कारण अलग - अलग...। अलग - अलग घटनायें... अलग - अलग परिस्थितियाँ... बदलते संस्कार... बदलती जीवन शैली... बदलते जीवन मूल्य... बदलती जीवन की रफ्तार... बदलते रिश्ते... बदलते परिवार...। और परिणाम... स्वार्थ - छल - कपट - झूठ - धोखा - षडयंत्र - भय - शंका - अंतर्द्वंद्व - क्रोध - उन्माद - अनिद्रा - निराशा... और इस तरह परिणति हत्या या आत्महत्या... बाद में अलग - अलग लोग - अलग आकलन... अलग - अलग कहानियाँ... अलग - अलग किस्से... अपने - अपने नफा - नुकसान के अनुसार... और कुछ के लिये मात्र मनोरंजन... किसी अपराध पर आधारित एक रोचक फिल्म की तरह...

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