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08 May 2019

कैसे बच्चे बड़े कर रहे हैं हम ?

हाल ही में राजधानी दिल्ली के फतेहपुर बेरी में डेढ़ साल के बच्चे की बेरहमी से हत्या कर दी गई | इस दिल दहला देने वाले मामले  को मात्र आठ साल के एक बच्चे ने ही अंजाम दिया है |  क्रूरता का कारण बस इतना कि कुछ दिन पहले आरोपी और उसके भाई को मृतक बच्चे की बहन ने धक्का देकर गिरा दिया था | जिसका बदला लेने के लिए उसने यह क्रूर कदम उठाया | यह वाकया हैरान भी करता है और भयभीत भी  कि मात्र आठ साल का बच्चा, रात के समय पड़ोस के मकान की छत पर माँ के पास सो रहे बच्चे के पास छत के रास्ते ही आया और सोते हुए मासूम को उठाकर ले गया।  उसने बर्बर व्यवहार करते हुए पहले घर के बाहर बनी पानी की  टंकी में उसे तीन-चार बार डुबोया और फिर घर से कुछ दूरी पर ही करीब तीन फुट गहरी नाली में  गिरा दिया। इतना ही नहीं डेढ़ साल के इस अबोध  को चोट पहुंचाने के लिए उसने बच्चे को पत्थर भी मारे। निःसंदेह, रात के अँधेरे में ऐसी भयावह घटना को अंजाम देने का दुस्साहस करने वाले बच्चे की मानसिकता और परवरिश के परिवेश को लेकर कई सवाल उठने लाजिमी हैं | साथ ही यह सोचा जाना भी जरूरी है कि हमारे यहाँ साल-दर -साल बाल अपराधियों की संख्या क्यों बढ़ रही है ?  उनका मासूम मन जिन घटनाओं को अंजाम दे रहा है, वो  छोटी-मोटी वारदातें नहीं हैं | हद दर्जे के बर्बर और असंवेदनशील  मामलों में कम उम्र के बच्चों की भागीदारी देखने को मिल रही है | हालिया बरसों में हर तरह की  सामाजिक-  पारिवारिक पृष्ठभूमि  से जुड़े बच्चे ऐसे मामलों में भागीदार पाए गये हैं |  महंगे स्कूलों में पढने वाले संभ्रांत परिवारों के लाडलों से लेकर अशिक्षित और आम सी पृष्ठभूमि के परिवारों में पले-बढे बच्चों की भागीदारी के ऐसे कई मामले आये हैं | आखिर कैसे बच्चे बड़े कर रहे हैं हम ? ( दैनिक हरिभूमि में प्रकाशित लेख का अंश ) 

3 comments:

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 09.09.19 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3330 में दिया जाएगा

धन्यवाद

शिवम् मिश्रा said...

ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 08/05/2019 की बुलेटिन, " पैरंट्स टीचर मीटिंग - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

Sharda Arora said...

bahut achchha likha hai Monika ji , ye bahut jvalant samsya hai aaj ki .

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