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पढ़ने लिखने में रुचि रखती हूँ । कई समसामयिक मुद्दे मन को उद्वेलित करते हैं । "परिसंवाद" मेरे इन्हीं विचारों और दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है जो देश-परिवेश और समाज-दुनिया में हो रही घटनाओं और परिस्थितियों से उपजते हैं । अर्थशास्त्र और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर | हिन्दी समाचार पत्रों में प्रकाशित सामाजिक विज्ञापनों से जुड़े विषय पर शोधकार्य। प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ( समाचार वाचक, एंकर) के साथ ही अध्यापन के क्षेत्र से भी जुड़ाव रहा | प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के परिशिष्टों एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लेख एवं कविताएं प्रकाशित | सम्प्रति --- समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के लिए स्वतंत्र लेखन । प्रकाशित पुस्तकें------- 'देहरी के अक्षांश पर', 'दरवाज़ा खोलो बाबा', 'खुले किवाड़ी बालमन की'

ब्लॉगर साथी

09 February 2012

मेरा एक संसार है माँ

 (बाल कविता )

मेरा एक संसार है माँ
जो लगता मुझको प्यारा
इंद्रधनुष के रंग सजे हैं
दुनियाभर से न्यारा

अक्षर मुझको नहीं लुभाते
सात रंग लगें प्यारे
चिड़िया, चंदा, फूल बना लूं
नाचें मोर कभी न्यारे

अक्षर आगे-आगे भागें 
रंग मेरे संग चलते हैं 
मेरी मानें, मन की जाने 
रंग मेरे संग ढलते हैं 

तितली रानी, भंवरे भैया
मुझ संग सारे खेलें
रंग-बिरंगी दुनिया है ये
हम सबसे अलबेले

नदिया मेरी बहती है यूं
ज्यूं झरता प्रेम का झरना
अपनी धुन में रहता हूं मैं
आपस में क्यों लङना

सारे रंग सजा कर देखो
सतरंगी जीवन बन जाता
मन की मानूं  और उकेरूं
कितना सुंदर रंग भर जाता

94 comments:

Vandana Ramasingh said...

वाह चैतन्य की कहानी मम्मा की जुबानी
बहुत प्यारी रचना

ऋता शेखर 'मधु' said...

वाह!रंगों की दुनिया वाकई खूबसूरत है...
बहुत ही सुंदर रचना|

संतोष त्रिवेदी said...

चैतन्य को उसकी रचनात्मकता में जीने दीजिए....शुभकामनाएँ !

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बहुत बढ़िया लिखा है..

संध्या शर्मा said...

बहुत सुन्दर है, नन्हे चैतन्य की रंगों से भरी दुनिया, समेट लो बेटे जीवन के हर रंग को जी भर के... मोनिका जी आभार आपका बेटे की दुनिया हम सब को दिखाने के लिए...

Smart Indian said...

बहुत सुन्दर!

अरुण चन्द्र रॉय said...

bahut sundar rachna.

Suman said...

बहुत सुंदर दुनिया है बच्चों की भी,
सुंदर कविता द्वारा समझाया है ! अच्छी लगी !

मन है मेरा कोरा कागज
जैसे चाहूँ चित्र बनाऊं
फूल-पौधे पशु-पक्षी बनाऊं
हरी-भरी धरती पर,
महका-महका एक उपवन बनाऊं !

Anonymous said...

nice poem
loved it

रश्मि प्रभा... said...

मेरा एक संसार है माँ
जो लगता मुझको प्यारा
इंद्रधनुष के रंग सजे हैं
दुनियाभर से न्यारा
......
चैतन्य को अभी इस संसार में जीने दीजिये ...
( पर बेटा चैतन्य थोड़ा थोड़ा अक्षर ज्ञान भी )

विभा रानी श्रीवास्तव said...

चैतन्य की कहानी...... !
मम्मा की जुबानी बहुत प्यारी लगी..... :):)
एक माँ के लिए ,बच्चों की खुशियों के आगे ,कुछ भी नहीं होता.... !!

Atul Shrivastava said...

बढिया रचना।
बच्‍चों का यह संसार दुनिया के सारे तनावों से मुक्‍त होता है....

virendra sharma said...

तितली रानी, भंवरे भैया
मुझ संग सारे खेलें
रंग-बिरंगी दुनिया है ये
हम सबसे अलबेले
बेहद सुन्दर बाल मन की सहज सरल अभिव्यक्ति .

avanti singh said...

बहुत ही सुंदर रचना

Arun sathi said...

प्यारी कविता....

Rajesh Kumari said...

bahut pyaari rachna bilkul bachche ke dil se nikli prateet hoti hai.badhaai.

kshama said...

Bahut pyaree rachana hai!

कुमार राधारमण said...

केवल बच्चों की दुनिया में रंग होता है। इसलिए,चित्रकारी उनका सहज शगल होता है।

आत्ममुग्धा said...

नन्हा चैतन्य खुश है अपनी रंगों की दुनिया में .....और हम बड़े भाग रहे है उसी ख़ुशी को पाने ना जाने किस ओर......खुश रहो बेटा

जयकृष्ण राय तुषार said...

बहुत ही प्यारी कविता मोनिका जी बधाई |

जयकृष्ण राय तुषार said...

बहुत ही प्यारी कविता मोनिका जी बधाई |

Amrita Tanmay said...

बहुत ही सुंदर लिखा है..चैतन्य ने |

गिरधारी खंकरियाल said...

बहुत सुंदर . सुभद्रा कुमारी की कवितायेँ याद आयी.

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

सुन्दर बाल कविता !

Anupama Tripathi said...

शायद जीवन के सबसे खूबसूरत पल ....माँ और बच्चे की दुनिया कितनी प्यारी होती है ....रंग बिरंगी ....
बहुत सुंदर रचना ...

सदा said...

बहुत ही सुन्‍दर संसार ... आभार ।

Anonymous said...

सुन्दर कविता है......ये पेंटिंग क्या चैतन्य ने बनायीं है ?
अगर हाँ तो वाह......शाबाश कहिये उसे हमारी और से .....बहुत अच्छी हैं ।

shikha varshney said...

वाह बेहद सुन्दर गीत और प्रस्तुति.

Kunwar Kusumesh said...

सारे रंग सजा कर देखो
सतरंगी जीवन बन जाता
मन की मानूं और उकेरूं
कितना सुंदर रंग भर जाता

बहुत प्यारी रचना.

उपेन्द्र नाथ said...

चैतन्य के चित्र काफी रचनात्मक लगे... कविता भी काफी बेहतरीन है. सुंदर प्रस्तुति.

प्रवीण पाण्डेय said...

हर बच्चे की यही कहानी,
राजा रानी नाना नानी।

Yashwant R. B. Mathur said...

चैतन्य की ड्राइंग और कविता बहुत ही अच्छी है।

सादर

Kewal Joshi said...

अक्षर मुझको नहीं लुभाते
सात रंग लगें प्यारे,
चिड़िया, चंदा, फूल बना लूं
नाचें मोर कभी न्यारे.

मनभावन पंक्तियाँ - आभार .

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल " said...

बहुत सुंदर ...

Anju (Anu) Chaudhary said...

रंगों की दुनिया वैसे ही बेहद खूबसूरत होती हैं ...शुभ आशीष ...ऐसे ही आगे बढते रहो

Roshi said...

bahut sunder painting ,,,,bahut sunder rachna......dono cheez dekhkar maza aa gaya

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

बच्चा तो प्रकृति में ही पलता है, अक्षर तो उसे बैरी लगते ही हैं:)

S.N SHUKLA said...

बहुत सुन्दर रचना, ख़ूबसूरत भावाभिव्यक्ति , बधाई.

Shikha Kaushik said...

very nice ...badhai

Sunil Kumar said...

बहुत अच्छी बालकविता बधाई......

sangita said...

शानदार चैतन्य बधाई |

sushila said...

बालमन की कल्पना समेटे, उसकी खुशियाँ साझी करती बहुत ही प्यारी कविता।
चैतन्य को असीम स्नेह और आशीर्वाद!

Sadhana Vaid said...

इस नन्हें से बाल चित्रकार चैतन्य को बहुत सारी बधाइयाँ, ढेर सारी शुभकामनायें और आशीर्वाद ! बहुत खूबसूरती से आपने चैतन्य के मन की बात को अभिव्यक्ति दी है ! बच्चों के मन की बात और अभिरुचियों के बारे में जानकार उन्हें सही दिशा में प्रोत्साहन देना माता-पिता की सबसे बड़ी उपलब्धि होती है ! साधुवाद आपको !

मनोज कुमार said...

इस रचना की गेयता ने इसकी प्रभावोत्पादक में असीम वृद्धि कर दी है। भाव बड़े कोमल हैं और मन को आकर्षित करते हैं।

देवेन्द्र पाण्डेय said...

सुंदर बाल गीत। बाल गीत लिखने के लिए बच्चा हो जाना पड़ता है। सबके वश का नहीं। वाह!

समय चक्र said...

bahut hi manabhavan bal rachana ...

Minakshi Pant said...

सुन्दर सरल भाव में लिखी खूबसूरत रचना |

Maheshwari kaneri said...

बहुत सुन्दर ..चैतन्य की रंगों से भरी दुनिया मे आप के प्यार की बौछार है तभी तो उसकी दुनिया प्यारी -प्यारी है..

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

तितली रानी, भंवरे भैया
मुझ संग सारे खेलें
रंग-बिरंगी दुनिया है ये
हम सबसे अलबेले..
बहुत प्यारी रचना हमारे प्रिय चैतन्य की तूलिका और कलम यों ही सजती रहें और हम सब इन के दोस्त बने रहें आखिर हम भी तो भ्रमर हैं न ..
कितने गंभीर हो चित्र बना रहे
मोनिका जी जय श्री राधे ...सुन्दर कृति
भ्रमर ५

महेन्‍द्र वर्मा said...

नदिया मेरी बहती है यूं
ज्यूं झरता प्रेम का झरना
अपनी धुन में रहता हूं मैं
आपस में क्यों लङना

बाल मन की भावनाएं आपके शब्दों के स्पर्श से कितनी उजली लग रही हैं !!

virendra sharma said...

पूरी जैव विविधता का मानवीकरण कर दिया है आपने .सुन्दर कविता मनोहर कविता .

आशुतोष की कलम said...

निश्छल बालमन का बहुत ही सुन्दर चित्रण..
नदिया मेरी बहती है यूं
ज्यूं झरता प्रेम का झरना

संजय कुमार चौरसिया said...

बहुत सुन्दर..
कोमल सी प्रस्तुति..

राजेश सिंह said...

जीवन-लय, सुंदर और सजीली.

Udan Tashtari said...

कविता बहुत ही अच्छी है।

रचना दीक्षित said...

वाह मोनिका जी इतना सुंदर गीत. मजा आ गया. बहुत बढ़िया.

ashish said...

जी करता है मै भी बच्चा बन जाऊ, सुँदर बाल गीत .

Akshitaa (Pakhi) said...

बहुत सुन्दर गीत..चैतन्य के चित्र खूबसूरत हैं..बधाई.
_____________

'पाखी की दुनिया' में जरुर मिलिएगा 'अपूर्वा' से..

G.N.SHAW said...

बच्चो की जिज्ञासा भरी सुन्दर कविता !बधाई !

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुंदर बाल कविता ...

अशोक सलूजा said...

मेरा भी एक संसार है....माँ ?
काश....कह सकता तुझे मैं माँ .....

mridula pradhan said...

ati pyari.....

Pallavi saxena said...

काश यह बच्चों वाली सतरंगी दुनिया हमेशा कायम रह पाती जीवन में तो कितना अच्छा होता। :)बचपन के रंगों से सजी बहुत ही सुंदर कविता....

Unknown said...

डॉ.मोनिका जी चित्र देखकर अपने व अपने बच्चों की चित्रकला याद आ गयी .धन्यवाद्

Unknown said...

डॉ.मोनिका जी चित्र देखकर अपने व अपने बच्चों की चित्रकला याद आ गयी .धन्यवाद्

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति,बेहतरीन प्यारी रचना,...

MY NEW POST ...कामयाबी...

virendra sharma said...

अक्षर मुझको नहीं लुभाते
सात रंग लगें प्यारे
चिड़िया, चंदा, फूल बना लूं
नाचें मोर कभी न्यारे

बच्चा निसर्ग तय : प्रकृति प्रेमी होता है शब्दों का लिहाफ हम उसे कम उम्र में ही ज़बरी पहना देते हैं .काश संरक्षात्मक शिक्षा स्ट्रक्चरल एज्युकेशन का मर्म हमारे शिक्षा सारथी समझ पाते .

Rajput said...

बहुत ही सुंदर रचना

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) said...

bahut sundar ........bacche ki ruchi jisme hai use us or jarur prerit karen aage bhi........

ज्योति सिंह said...

सारे रंग सजा कर देखो
सतरंगी जीवन बन जाता
मन की मानूं और उकेरूं
कितना सुंदर रंग भर जाता
bahut hi sundar

amit kumar srivastava said...

कच्ची अमिया की खुशबू सी पोस्ट |

Rakesh Kumar said...

बहुत प्यारी कविता प्रस्तुति की है आपने.
नन्हे मुन्ने की अनुपम उड़ान.

आभार,मोनिका जी.

Dr.NISHA MAHARANA said...

bahut badhiya.

मुकेश कुमार सिन्हा said...

chaitanya ki amma. har pankti me dikh rahi hai:))
god bless !!

Rachana said...

सारे रंग सजा कर देखो
सतरंगी जीवन बन जाता
मन की मानूं और उकेरूं
कितना सुंदर रंग भर जाता
ati sunder bhav bete ne tasvir bhi bahut sunder banai hai shabash beta
rachana

सु-मन (Suman Kapoor) said...

प्यारी और न्यारी रचना ...

dinesh aggarwal said...

बहुत ही खूबसूरत रचना....सराहनीय...
नेता- कुत्ता और वेश्या (भाग-2)

dinesh aggarwal said...

मनमोहक बच्चे सी खूबसूरत रचना....
नेता- कुत्ता और वेश्या (भाग-2)

Naveen Mani Tripathi said...

नदिया मेरी बहती है यूं
ज्यूं झरता प्रेम का झरना
अपनी धुन में रहता हूं मैं
आपस में क्यों लङना
bahut hi sundar rachana monika ji badhai.

Kailash Sharma said...

बहुत ख़ूबसूरत बाल गीत....

rashmi ravija said...

बेहद मीठा..प्यारा सा गीत

Arvind Mishra said...

प्यारी बाल कविता -सुकोमल और मासूम सी !

P.N. Subramanian said...

सुन्दर. चि. चैतन्य के जीवन में ईश्वर सभी रंग भर दें.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

वाह!!!!!मोनिका जी..भावपूर्ण बहुत अच्छी अभिव्यक्ति,सराहनीय प्रस्तुति,..

MY NEW POST ...सम्बोधन...

Apanatva said...

wah kya baat hai .

हरकीरत ' हीर' said...

चिड़िया, चंदा, फूल बना लूं
नाचें मोर कभी न्यारे


बहुत ही सुंदर रचना....!!

दिगम्बर नासवा said...

वाह ... सुन्दर लाजवाब बाल रचना है ... बहुत प्यारी ...

दीपिका रानी said...

वो कागज की कश्ती, वो बारिश का पानी... सबसे हसीन दुनिया होती है बचपन की

दीपिका रानी said...

वो कागज की कश्ती, वो बारिश का पानी... सबसे हसीन दुनिया होती है बचपन की

abhi said...

वाह, परफेक्ट कविता फॉर चैतन्य!! :)

Asha Pandey ojha said...

bahut khoob Monika ji wah

Asha Joglekar said...

वाह चैतन्य आपकी रचनाएं तो बडी प्यारी हैं ।

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत ही प्यारी रचना है ...
चैतन्य के बनाए चित्र भी बहुत सुन्दर है....

Anonymous said...

Wow! Bahut hi pyara likha hai mam...

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