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पढ़ने लिखने में रुचि रखती हूँ । कई समसामयिक मुद्दे मन को उद्वेलित करते हैं । "परिसंवाद" मेरे इन्हीं विचारों और दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है जो देश-परिवेश और समाज-दुनिया में हो रही घटनाओं और परिस्थितियों से उपजते हैं । अर्थशास्त्र और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर | हिन्दी समाचार पत्रों में प्रकाशित सामाजिक विज्ञापनों से जुड़े विषय पर शोधकार्य। प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ( समाचार वाचक, एंकर) के साथ ही अध्यापन के क्षेत्र से भी जुड़ाव रहा | प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के परिशिष्टों एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लेख एवं कविताएं प्रकाशित | सम्प्रति --- समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के लिए स्वतंत्र लेखन । प्रकाशित पुस्तकें------- 'देहरी के अक्षांश पर', 'दरवाज़ा खोलो बाबा', 'खुले किवाड़ी बालमन की'

ब्लॉगर साथी

07 February 2013

अफ़साने बुनती रूहानी आवाज़



आज अफ़साने बुनती रूहानी आवाज़ के धनी, जगजीत सिंह की जन्मतिथि है। सम्मानस्वरुप गूगल ने भी अपने सर्च पेज पर उनकी तस्वीर चस्पा की है। जो यह  बता रही है कि गज़ल गायकी के सम्राट आज भले ही सशरीर इस दुनिया में नहीं हैं पर उनकी मर्मस्पर्शी आवाज़ के कायल लोगों की गिनती में कोई कमी नहीं आई है। गूगल के  अनुसार ग़ज़ल  गायकों की सूची में जगजीत सिंह को इस साल सबसे ज्यादा लोगों ने खोजा। 

यह समाचार बहुत खास है। क्योंकि जगजीत को किसी अन्य सैलीब्रिटी, किसी चर्चित चेहरे के तौर पर नहीं खोजा गया होगा । उन्हें तलाशते हुए हर पीढी के लोग कहीं न कहीं उस आवाज़ को खोज रहे होंगें जो तलाशने वालों को खुद अपने सुकून के लिए चाहिए।  चाहे वे गमज़दा हों या ख़ुशी में झूम रहे हों । उनके अपने मन की कहने का ज़रिया बन जाए।

जब से होश संभाला होगा तभी से शायद हर संवेदनशील इंसान के साथ  जगजीत सिंह की रूहानी आवाज़ परछाई के समान चलती चली आई है। वो आवाज़ जिसने अनगिनत शब्दों को अर्थो में ढाला है। जिसे सुनकर जाने कितनों ने मन का गुबार निकाला है। वो स्वर अब इस संसार में तो नहीं है पर आज भी हमारे साथ जरूर चलता है। वो आवाज़ हमें अपने आप को संभालना सिखाती  है। उस स्वर में वक्त के साथ बदलने की हिदायतों से लेकर स्वयं से की गई शिकायतें तक, सब कुछ समाहित है। तभी तो जिन शब्दों को उनकी आवाज़ नसीब हुई उनके अर्थ लोगों की रूह के भीतर बहने लगे। सुनने वालों ने भी इस आवाज़ को आत्मसात कर जीवन का हर दुःख-सुख जिया |  

जगजीत सिंह को मखमली आवाज़ का जादूगर कहा गया । कभी ह्रदय के ज़ख्मों पर मल्हम लगाने वाली आवाज़ तो कभी अपनी ही कल्पनाशीलता में डूबे इन्सान के सपनों को परवाज़ देती आवाज़ |  जगजीत सिंह की आवाज़ को सुनने वालों ने जिस मनोदशा में सुना, उसी में अपना सहारा बना पाया | यही वजह है कि जीवन के इंद्रधनुष का हर रंग समेटे उनकी मिठास भरी आवाज़ के दुनियाभर के जाने कितने ही लोग दीवाने हैं। इस दीवानेपन को जन्म दिया स्वर और संगीत के साथ किए गए उनके कई प्रयोगों ने, जो ग़ज़ल को आम आदमी के करीब ले लाए। उन्होंनें ग़ज़लों का सरलीकरण ही कुछ इस तरह किया कि हर पीढी संगीत की इस विधा की दीवानी हो गयी। हमेशा हमेशा के लिए। 

प्रेम के अफ़साने हों या दुनियादारी से जुड़ी शिकायतें। स्वयं को समझाइश देनी हो या सांसारिक विरक्ति की बात  हो | इस आवाज ने जो गाया, वो सीधा दिल में उतर गया। गहरे कहीं भीतर तक । जब भी सुनो यूं लगता है मानो अपने ही अंतस की आवाज सुन रहे हैं। जिन रचनाकारों के लिखे गीतों-ग़ज़लों को जगजीत सिंह के स्वर का साथ मिला वो तो मानो अमरत्व पा गये। 

  उनकी चिर ख़ामोशी हमेशा ही खलेगी ....

60 comments:

Smart Indian said...

सचमुच उनकी जगह कोई नहीं भर सकता।

Pratibha Verma said...

जगजीत जी मेरे सबसे पसन्दीदा गजल गायक हैं ...मेरे पास उनकी हर एक ग़ज़ल है ....बस अफ़सोस की वो सितारा हमारे बीच नहीं है ....सत - सत नमन।।

केवल राम said...

जग जीत गए जगजीत जी .....! हमारे दिलों में रहेंगे चिरकाल तक अपनी आवाज के माध्यम से ...!

प्रवीण पाण्डेय said...

सच कहा आपने, भावों की कोमलता के स्वर उनकी गजलों में सुनकर बड़े हुये हैं हम।

Arun sathi said...

naman...awaj ke jadoogar ko

ANULATA RAJ NAIR said...

ऐ खुदा रेत के सेहरा को समंदर कर दे...या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर कर दे....

बहुत याद आते हैं जगजीत..

अनु

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

जगजीत सिंह अकेले ही थे. वैसा कोई नहीं.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

जगजीत सिंह अकेले ही थे. वैसा कोई नहीं.

amit kumar srivastava said...

उनकी गायकी में रूह से संवाद करने की अद्भुत क्षमता थी । सादर उन्हें नमन ....।

virendra sharma said...

गजलों में ही नहीं भजनों में भी उनकी आवाज़ का जादू अरदास बन जाता है .

तुम मोरी राखो लाज हरी ,औगुन मोसे बिसरत नाहीं करनी करी सो करी ....इत्तेफाक ही है सात फरवरी ,2013 की शाम उनकी यादों में गुजरी ,नेहरु सेंटर, मुंबई में गजलों को समर्पित कार्यक्रम

"उसकी

बातें ....."जगजीत सिंह जी को समर्पित था .मौक़ा था मुंबई का मशहूर "काला घोड़ा सांस्कृतिक उत्सव" . कलाकार थे सुभामिता बनर्जी ,पियाली कुंडू ,रोंकिनी गुप्ता ,जसविंदर सिंह (बंटी ).,ओसमान

मीर

साहब और पृथ्वी गान्धर्व .



इस मौके पे जगजीत सिंह जी के साथ बरसों साजिंदों के बतौर सहयोग करने वाले पीटरसन साहब को भी सम्मानित किया गया एक और हस्ती भी इस सम्मान से नवाजी गई बादे मर्ग .उन्हें रु -ब-रु

सुनने का मौक़ा एक मर्तबा डेट्रॉइट में मिला .यादगार बन गई वह शाम .

डॉ. मोनिका शर्मा said...

@ virendra sharmaji आपका सौभाग्य है कि आप उन्हें रूबरू सुन पाए.....

ashish said...

मेरे लिए ग़ज़ल का मतलब ही जगजीत जी थे . इस ह्रदय सम्राट को भावभीनी श्रद्धांजली .

Guzarish said...

ग़ज़ल सम्राट को भावभीनी श्रद्धांजली .

Guzarish said...

गजल सम्राट को भावभीनी श्रद्धांजली .

अजित गुप्ता का कोना said...

जगजीत सिंह की कमी हमेशा खलती रहेगी।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

जगजीत सिंह की गज़लें बेहद प्रिय रही हैं ।

विभा रानी श्रीवास्तव said...

सार्थक अभिव्यक्ति ....।
सब के दिल को छु गई होगी ....।
जगजीत जी को भावभीनी श्रद्धांजली के साथ नमन ....।

anshumala said...

विनम्र श्रधांजलि !

रश्मि प्रभा... said...

रूहानी आवाज़ के लिए रूहानी शब्द

रश्मि शर्मा said...

उनकी जगह कोई और कभी भी नहीं ले सकता.....वो हमेशा से मेरे पसंदीदा गायक रहे हैं.;और रहेंगे....

अशोक सलूजा said...

सब के प्यारे ,सब के दुलारे ...सब के जगजीत |
विन्रम श्रद्धांजलि!

Harihar (विकेश कुमार बडोला) said...

बहूत बढ़िया मोनिका जी। आपका इस तरह उन्‍हें याद करना, समझो उनको दोबारा आबाद करना।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

गजलों रूह से
परिचय तो आपने कराया
सुरों की बरसात में भीगना
आपने सिखाया
लफ्जों का मीठापन
आवाज की गहराई से
वास्ता आपके कारण ही पड़ा
और तुम ये कैसे जुदा हो गए
हर तरफ थे हर जगह हो गए....
-----------------------
तुम कल थे आज कहाँ खो गये
अकेला छोड़ तुम फ़ना हो गये
तन्हा तन्हा दू:ख झेलेगे सदा,
जीत, से तुम जगजीत हो गये

अचानक तुम ये कैसे जुदा हो गए
तुम हर तरफ थे हर जगह हो गए
जिक्र,जब भी होगा गजलों का-,
होठों से,गा कर तुम अमर हो गए,,,,

गजल सम्राट-गजल गायक -श्री जगजीत सिंह जी को शत शत नमन

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Suman said...

उनकी गझले मुझे भी बहुत पसंद है
...निश्चित उनकी कमी बहुत खलेगी हम सबको !

shikha varshney said...

जगजीत जैसा कोई नहीं, न हो सकता है.

Madan Mohan Saxena said...

सादर उन्हें नमन ...

Parul kanani said...

true tribute to a legend...!

vandana gupta said...

आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (9-2-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
सूचनार्थ!

vandana gupta said...

आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (9-2-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
सूचनार्थ!

NKC said...

जगजीत जी अपने आवाज की जादू और सहज गजल गायकी से हमेशा हमेशा हमारे बिच मौजूद रहेंगे, वो एक ऐसे गजल गायक हैं जो अपने आवाज में हर उम्र के दहलीज पर हमें दस्तक दिया है और हर लम्हा हमारे दिल पर अधिकार किया है।

NKC said...

जगजीत जी अपने आवाज की जादू और सहज गजल गायकी से हमेशा हमेशा हमारे बिच मौजूद रहेंगे, वो एक ऐसे गजल गायक हैं जो अपने आवाज में हर उम्र के दहलीज पर हमें दस्तक दिया है और हर लम्हा हमारे दिल पर अधिकार किया है।

NKC said...

जगजीत जी अपने आवाज की जादू और सहज गजल गायकी से हमेशा हमेशा हमारे बिच मौजूद रहेंगे, वो एक ऐसे गजल गायक हैं जो अपने आवाज में हर उम्र के दहलीज पर हमें दस्तक दिया है और हर लम्हा हमारे दिल पर अधिकार किया है।

Anita Lalit (अनिता ललित ) said...

सही कहा आपने!
जगजीत सिंह साहब की आवाज़ की क़शिश, उनके गाये ग़ज़लों व गीतों के सरल-सहज भाव... आम आदमी की आप-बीती से इतने मेल खाते हैं...कि अपनी ही कहानी लगने लगते हैं...
~सादर!!!

shalini rastogi said...

जगजीत सिंह की रूहानी आवाज़ की कशिश बेमिसाल है.... सुन्दर प्रस्तुति!

Aditya Tikku said...

bhavo ko sahjta se viyakt kiya hai -utam-***

ब्लॉग बुलेटिन said...

एक बौछार था वो शख्स - ब्लॉग बुलेटिन ग़ज़ल सम्राट स्व॰ जगजीत सिंह साहब को समर्पित आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

जयकृष्ण राय तुषार said...

जगजीत सिंह ने ग़ज़ल गायिकी का मिजाज़ ही बदल दिया था ,उनकी मौलिकता ही उनकी सबसे बड़ी विशेषता है |

Anupama Tripathi said...

रूहानी आवाज़ के जादूगर को नमन ...

Akash Mishra said...

न सिर्फ गजल गायक बल्कि सभी तरह के गायकों में आप मेरे पसंदीदा हैं |
आप ने ही गजलों से मेरी पहचान करवाई |

सादर

Sunil Kumar said...

जगजीत सिंह की कमी हमेशा खलती रहेगी।

rashmi ravija said...

जगजीत सिंह की आवाज़ के जादू का असर ,कभी ख़त्म होने वाला नहीं।
आज भी उनकी आवाज़ ही रूह को सुकून देती है

Ramakant Singh said...

ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह को भावभीनी श्रद्धांजली .

Satish Saxena said...

वाकई ...
उनकी याद आएगी !

Jyoti Mishra said...

One of the finest Gem of India.. he'll live forever through his works..

Jyoti khare said...

जगजीत सिंह जी----को

तुम्हारी आवाज का जादू
मुर्दा को भी जीवित कर देता है
टपकती आंख से खारी बूंदों में
जीवन की मिठास भर देता है---------
"ज्योति खरे"



Manav Mehta 'मन' said...

jagjit ji ko shat shat naman..

Rahul Paliwal said...

आज सुबह से ही गुनगुना रहा था: उस मोड़ से शुरू करे फिर ये जिंदगी।
--वाकई जगजीत और यादे पर्याय हैं हमारी जिन्दगी में।
और याद उसकी भी आती हैं जिसने गजल उर्फ़ जगजीत से पहली बार परिचय करवाया।

Arvind Mishra said...

A heart touching obitury to maestero! My tributes too!

शिवा said...

ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह को भावभीनी श्रद्धांजली .

शिवा said...

ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह को भावभीनी श्रद्धांजली .

दिगम्बर नासवा said...

जगजीत जी की आवाज़ कभी दिल से नहीं जा सकती ... उनकी जगह लेना शायद ही किसी दूसरे को नसीब हो ...
वो जग जीत गए हैं ...

Anonymous said...

"जग जीत" लिया और अमर हो गए - सादर नमन

गिरधारी खंकरियाल said...

एक अदभुत व्यक्तित्व थे।

संध्या शर्मा said...

मखमली आवाज़ के मालिक को सादर नमन... बहुत सुन्दर प्रस्तुति

Unknown said...

रूहानी आवाज़ के जादूगर को नमन....
http://ehsaasmere.blogspot.in/2013/02/blog-post_11.html

इमरान अंसारी said...

होठों से छूकर हर गीत को अमर कर गए जगजीत साहब।

G.N.SHAW said...

भावपूर्ण | शून्य नहीं भर पायेगा |

ताऊ रामपुरिया said...

वो आवाज की खनक शायद ही कभी लौटेगी, सही में जग जीत कर गये.

रामराम.

Ravindra Saran said...

बहुत ही सुंदर ! http://blog.irworld.in/

Yashwant R. B. Mathur said...


दिनांक 17 /02/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!

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पत्थर का गुण.....हलचल का रविवारीय विशेषांक.......रचनाकार संगीता स्वरूप जी

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