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01 September 2010

कान्हा फिर से आओ ना.......!


कान्हा फिर से आओ ना.......

फिर मुरली की लहर उठे
फिर तन-मन की सुध छूटे
हे माधव बंसी की धुन में
फिर आनंद बरसाओ ना........
कान्हा फिर से आओ ना.......

वृन्दावन में, हर आँगन में
तुम घर-घर में आन बसो
हे ! विराट ब्रजनंदन कृष्णा
मत तरसाओ ना.........
कान्हा फिर से आओ ना..........


द्रौपदी सखा यशोदा के लाला
तेरा तो हर रूप निराला
चहुँ ओर दुशासन फैले
सखियों की लाज बचाओ ना........
कान्हा फिर से आओ ना......


बन जाओ सारथी जगत के
फिर गीता का मर्म बताओ
मन की ममता रीत चुकी
नई चेतना जगाओ ना..........
कान्हा फिर से आओ ना..........

त्राहि-त्राहि मची जगत में
राग,द्वेष, हिंसा हर मन में
सारा जग फिर मौन धरे
ऐसी धुन सुनाओ ना........
कान्हा फिर से आओ ना......
लौट के फिर तुम जाओ ना.......

कान्हा फिर से आओ ना........

31 comments:

Urmi said...

आपको एवं आपके परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !

daanish said...

बन जाओ सारथि जगत के
फिर गीता का मर्म बताओ
मन की ममता रीत चुकी
नयी चेतना जगाओ ना .....

श्री कृशनजन्माष्टमी के पवन अवसर पर
ऐसी मनोहारी रचना पढ़ कर मन आनंदित हो उठा
हर शब्द ऐतिहासिक सत्य को रूपांतरित करता हुआ
स्वयं को पढवा रहा है ...
अभिवादन स्वीकारें

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

सुंदर. मनभावन.

राज भाटिय़ा said...

काश कान्हा हमारी पुकार सुन ले!!
कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

प्रवीण पाण्डेय said...

बड़ी ही सुन्दर, आग्रहयुक्त करुण पुकार।

नीरज गोस्वामी said...

हम सब को कान्हा के लौटने का इंतज़ार है...क्या वो सुनेंगे हमारी गुहार?
नीरज

संजय भास्‍कर said...

आपको और आपके परिवार को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ

एक बेहद साधारण पाठक said...

बेहतरीन .. ...
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!

रंजना said...

आह...मन आनंदित हो गया....
इस सात्विक सुन्दर रचना के लिए कोटि कोटि आभार आपका !!!!

abhi said...

बहुत सुन्दर ..आनंद आ गया !!

Coral said...

रचना अति सुन्दर है ....
आपको श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !

श्याम जुनेजा said...

अरे !
राधा राधा कहते हो
धारा के संग बहते हो
धारा को मोडो तो !
राधा संग जोड़ो तो !
श्याम तो मिले मिलाये हैं
गए ही कहाँ थे जो उन्हें आना है

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

आदरणीया डॉ. मोनिका शर्मा जी
हार्दिक शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !

बहुत सुंदर गीत के लिए बहुत बहुत बधाई !

वर्तमान के परिदृश्यों के संदर्भों को समेटते हुए कृष्ण भक्ति के रंग रस में रची रमी आपकी लेखनी से निसृत यह रचना हृदय के गहन तल में पैठ गई है ।

जितनी प्रशंसा करूं , कम है ।
गीत का हर चरण स्तुत्य है …
उल्लेखनीय है …

बन जाओ सारथी जगत के
फिर गीता का मर्म बताओ
मन की ममता रीत चुकी
नई चेतना जगाओ ना..........
कान्हा फिर से आओ ना..........


आभार !
बधाई !!
शुभकामनाएं !!!

- राजेन्द्र स्वर्णकार

hem pandey said...

'कान्हा फिर से आओ ना......
लौट के फिर तुम जाओ ना.......'

-यह कान्हा हम,आप के बीच से ही आयेगा |

CS Devendra K Sharma "Man without Brain" said...

jo siddat se bulaye, kanha uske ghar jarur aate hain.........good one...........happy janmashtmi

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

जय श्री कृष्ण!
ज़रूर आयेंगे....
आशीष
--
बैचलर पोहा!

डॉ. मोनिका शर्मा said...

@ हेम पाण्डेय जी हाँ यह सच है की कान्हा हम आपके बीच से आयेंगें.....
बस वे आ जाएँ। अप सबकी खूबसूरत टिप्पणियों के लिए शुक्रिया ।

के सी said...

सारा जग फिर मौन धरे
ऐसी धुन सुनाओ ना
कान्हा फिर से आओ ना...

सुंदर कविता.

Udan Tashtari said...

जरुर सुनी जायेगी आपकी प्रार्थना.

Manoj K said...

कान्हा आ भी जाओ..
मेरा मन भी कई बार यही कहता है !

बहुत ही सुन्दर कविता.

दीपक 'मशाल' said...

अच्छा आह्वान किया आपने मोनिका जी..

Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय) said...

सुंदर कविता!

आपका इन्ट्रोडक्शन भी सहज और सुंदर है.. पार्ट टाईम ही सही.. कविता अच्छी है..

कडुवासच said...

... bahut sundar ... behatreen !!!

निर्मला कपिला said...

बहुत सुन्दर कविता है जो सच्चे दिल से पुकारते हैं उनकी कन्हाँ जरूर सुनते हैं। शुभकामनायें

Urmi said...

भगवान श्री गणेश आपको एवं आपके परिवार को सुख-स्मृद्धि प्रदान करें! गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें!

Anonymous said...

इतनी सुंदर और सच्ची रचना पढने से इतने दिन वंचित रहा खेद है पढवाने के लिए आभार

'साहिल' said...

बहुत सुन्दर कविता.........आशा है कृष्ण जी आपकी जरूर सुनेंगे..........

संदीप 'साहिल'

डॉ. मोनिका शर्मा said...

आपकी हार्दिक आभारी हूँ अर्चनाजी....
जो अपने इस भजन को इतनी खूबसूरती से गाया और जीवंत बना दिया

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

kanha par sundar geet... vo bhajan kahan sunne ko milega .. ?

Dr.NISHA MAHARANA said...

चहूँ ओर दुशासन फैले सखियों
की लाज़ बचाओ ना।बहुत अच्छा।

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